नयी दिल्ली : देश में कुश्ती का संचालन कर रही तदर्थ समिति ने सोमवार को बताया कि विश्व चैंपियनशिप के लिए 25 और 26 अगस्त को पटियाला में ट्रायल का आयोजन होगा जिसमें किसी भी पहलवान को छूट नहीं मिलेगी. एशियाई खेलों के ट्रायल से बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को दी गयी छूट से भारी हंगामा हुआ था और कुश्ती जगत के अधिकांश लोगों ने तदर्थ समिति के इस फैसले की आलोचना की थी.
समिति ने 16-24 सितंबर तक बेलग्रेड में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए ट्रायल में किसी भी पहलवान को छूट नहीं देने की घोषणा की. विश्व चैंपियनशिप के लिए खिलाड़ियों के चयन के लिए तय मानदंडों में तदर्थ पैनल ने कहा, ‘2022 और 2023 में आयोजित सभी अंतरराष्ट्रीय/रैंकिंग/एशियाई/विश्व चैंपियनशिप/राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता और प्रतिभागी के अलावा 2021 तोक्यो ओलंपिक खेलों के प्रतिभागी इस ट्रायल में हिस्सा ले सकते हैं.’
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बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने अभी तक इस ट्रायल में शामिल होने का मन नहीं बनाया है क्योंकि उनका मानना है कि 23 सितंबर से शुरू होने वाले हांगझोउ एशियाई खेल बहुत करीब हैं. विश्व चैंपियनशिप 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए पहली क्वालीफाइंग प्रतियोगिता है. खिलाड़ियों के नामों की प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तारीख 16 अगस्त है लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) चुनावों को लेकर अनिश्चितता के कारण समय सीमा बढ़ाने के भारत के अनुरोध को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है.
तदर्थ समिति के प्रमुख भूपेंदर सिंह बाजवा ने पीटीआई को बताया, ‘यह एक ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट है इसलिए हम ट्रायल में और देरी नहीं कर सकते थे. इससे भारत की प्रविष्टियां खारिज कर दी जाती.’ तदर्थ समिति इससे पहले 10 अगस्त को ट्रायल का आयोजन करना चाहता था लेकिन 12 अगस्त को डब्ल्यूएफआई के चुनावों के मद्देनजर उसने अपना फैसला पलट दिया. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को इन चुनावों पर रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. तदर्थ समिति से जारी बयान के मुताबिक, ‘खिलाड़ियों का वजन स्पर्धा के दिन सुबह सात बजे होगा और उन्हें दो किलो की छूट दी जायेगी.’
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पुरुष फ्रीस्टाइल : 57 किग्रा, 61 किग्रा, 65 किग्रा, 70 किग्रा, 74 किग्रा, 79 किग्रा, 86 किग्रा, 92 किग्रा, 97 किग्रा और 125 किग्रा.
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ग्रीको-रोमन : 55 किग्रा, 60 किग्रा, 63 किग्रा, 67 किग्रा, 72 किग्रा, 77 किग्रा, 82 किग्रा, 87 किग्रा, 97 किग्रा और 130 किग्रा.
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महिला कुश्ती : 50 किग्रा, 53 किग्रा, 55 किग्रा, 57 किग्रा, 59 किग्रा, 62 किग्रा, 65 किग्रा, 68 किग्रा, 72 किग्रा और 76 किग्रा.
तदर्थ पैनल ने कहा कि, यदि आठ से कम पहलवान एक भार वर्ग में ट्रायल के लिए पात्र हैं तो नॉर्डिक प्रणाली लागू की जाएगी. नॉर्डिक प्रणाली के तहत, पहलवान राउंड-रॉबिन प्रारूप में एक-दूसरे से लड़ते हैं. मैच खत्म होने के बाद पहलवानों को जीत की संख्या के अनुसार रैंकिंग दी जाती है. शीर्ष तीन पदक जीतेंगे. तदर्थ पैनल के बयान में कहा गया है कि यदि आठ या अधिक पहलवान एक भार वर्ग में पात्र हैं, तो सीधे उन्मूलन प्रारूप आयोजित किया जाएगा. पैनल ने यह भी कहा कि वह परीक्षणों के दौरान “सीडिंग सिस्टम” लागू कर सकता है.
एशियन गेम्स के लिए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को चयन ट्रायल में छूट दिये जाने का पहलवानों ने काफी विरोध किया था. इसको लेकर पहलवान अंतिम पंघाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने इसी महीनें शीर्ष पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को एशियाई खेलों के ट्रायल से दी गई छूट में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए फोगट और पूनिया को सीधे प्रवेश की अनुमति के खिलाफ अंडर -20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर -23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल की याचिका खारिज कर दी थी. न्यायाधीश ने कहा था, ‘रिट याचिका खारिज की जाती है.’
फोगट (53 किग्रा) और पुनिया (65 किग्रा) को भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति द्वारा एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश दिया गया, जबकि अन्य पहलवानों को 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल के माध्यम से भारतीय टीम में अपना स्थान अर्जित करना था. पंघाल और कलकल ने छूट को चुनौती देते हुए 19 जुलाई को हाई कोर्ट का रुख किया और चतुष्कोणीय शोपीस इवेंट के लिए निष्पक्ष चयन प्रक्रिया की मांग की. वकील हृषिकेश बरुआ और अक्षय कुमार द्वारा दायर याचिका में मांग की गई थी कि दो श्रेणियों (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा) के संबंध में आईओए तदर्थ समिति द्वारा जारी निर्देश को रद्द कर दिया जाए और फोगाट और पुनिया को दी गई छूट को रद्द कर दिया जाए.