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UP News : विधान सभा में मुद्दा उठा तो Kanpur के उर्सला अस्पताल की कार्डियो यूनिट को मिल गईं दो स्टाफ नर्स

उर्सला अस्पताल में कार्डियो यूनिट संचालन के लिए चार स्टाफ नर्स और चार कर्मचारियों की मांग की गई थी.आर्य नगर के सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने विधानसभा में यह मुद्दा भी उठाया था.

कानपुर : उर्सला अस्पताल में कार्डियो यूनिट संचालन के लिए डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने दो स्टाफ नर्स की तैनाती की है. चार स्टाफ नर्स और चार कर्मचारियों की मांग की गई थी.आर्य नगर के सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने विधानसभा में यह मुद्दा भी उठाया था. उर्सला प्रशासन का कहना है कि यूनिट इसी वर्ष मार्च से संचालित की जा रही है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम)ने गैर संचारी रोग (एमसीडी)के तहत वर्ष 2018 में उर्सला अस्पताल को 4 बेड की कार्डियो यूनिट के लिए डेढ़ करोड़ रुपए दिए थे.जिसमें से 1.35करोड़ रुपये से उपकरण और 15लाख रुपए से सिविल कार्य होने थे. इसके साथ ही यूनिट के संचालन के लिए स्टाफ की तैनाती होनी थी. लेकिन, किसी कारण काम धरातल में पूरी तरह से नहीं उतर सका. जिस वजह से उर्सला में दिल के मरीजों का इलाज पूर्ण रूप से नहीं हो पा रहा है. मरीजों को हो रही समस्या को देखते हुए आर्य नगर के सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने उर्सला की कार्डियोलॉजी यूनिट का मुद्दा विधानसभा में उठाया. इसके बाद जिलाधिकारी विशाख जी ने सीएमओ डॉक्टर आलोक रंजन को निर्देश दिया कि कार्डियोलॉजी यूनिट संचालित किए जाने के लिए स्टाफ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. सीएमओ ने वर्तमान में दो स्टाफ नर्स की तैनाती इस यूनिट में की है.

टेक्नीशियन समेत 13 कर्मी की जरूरत

कार्डियो यूनिट के लिए 10 हाई बैक रिवाल्विंग चेयर, 20 ऑफिस व विजिटर चेयर,आठ बड़ी अलमारी, 6 विजिटर ऑफिस चेयर,4 क्रश कार्ट, 10 ऑक्सीजन सिलेंडर, 10 छोटी एसएस ट्रे, 10 अटेंडेंट बेंच,10 ऑक्सीजन रेगुलेटर मिले थे. जबकि सूची में उस समय 21 उपकरण शामिल बताए गए थे. सभी उपकरणों के साथ एनएचएम के तहत दिल के डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ,वार्ड बॉय, टीएमटी टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्निशियन, डार्क रूम असिस्टेंट व सफाई कर्मी समेत 13 कर्मचारी मिलने पर कार्डियक यूनिट पूर्ण रूप से संचालित हो सकेगी.अभी स्टाफ पूरा नहीं है. तत्कालीन सीएमओ डॉक्टर अशोक शुक्ला ने 21 प्रकार के उपकरण खरीदने के बाद उर्सला अस्पताल के तत्कालीन निदेशक से बात की थी. इस पर तत्कालीन निदेशक ने सूची के सभी उपकरणों का मिलान कराया था=जिसमें सिर्फ 9 उपकरण ही मिले थे.बाकी उपकरण भेजे जाने के लिए सीएमओ को पत्र लिखा गया था. साथ ही एनएचएम से भी स्टाफ की मांग की गई थी,कुछ दिनों तक हलचल रहने के बाद कार्डियो यूनिट की स्थापना के बारे में स्वास्थ्य अधिकारी भूल गए. अस्पताल में प्रतिदिन 20 से 25 मरीज ओपीडी इमरजेंसी में इलाज के आस में आते हैं.

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कई उपकरणों की खत्म हो गई वारंटी

कार्डियोलॉजी यूनिट के लिए करीब 5 साल पहले बेड साइड मॉनिटर, सेंट्रल मॉनिटर, डिफ्यूलेटर,टीएमटी,इको, एबीजी मशीन,वेंटीलेटर ,फाउलर बेड, ईसीजी मशीन,अल्ट्रासाउंड मशीन,एक्स-रे मशीन व 12 इन्फ्यूजन पंप खरीदे गए थे. जिसकी वारंटी अब लगभग खत्म बताई जा रही है.

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