कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बताया है कि केंद्र ने राज्य को कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी जांच के लिए 10,000 किट मुहैया करायी है. राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और यह ‘प्रयासों में राजनीति नहीं करने’ का समय है.
राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है. इस बीमारी से मिलकर लड़ने के मामले में नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी ने उदाहरण पेश किया है. मैं मुख्यमंत्री एवं केंद्र के संपर्क में हूं. केंद्र ने पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संबंधी जांच के लिए 10,000 किट भेजी हैं. हम मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं, ऐसे में हमें अतिरिक्त सावधान रहने की आवश्यकता है. यह प्रयासों में राजनीति से बचने का समय है.’
इससे पहले, धनखड़ ने कहा था कि वे जांच के लिए अधिक किट भेजने का मामला केंद्र के समक्ष उठायेंगे. इस बीच, राज्य में कई सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों ने कहा है कि वे पृथक केंद्र बनाने के लिए राज्य प्रशासन को अपने परिसर मुहैया कराने के लिए तत्पर हैं. शहर के बाह्य इलाके में स्थित एडम्स विश्वविद्यालय ने 1000 बिस्तर की व्यवस्था वाले एक अस्थायी अस्पताल के लिए अपने परिसर का एक हिस्सा मुहैया कराने की हाल में पेश की है.
कोलकाता विश्वविद्यालय की कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी ने कहा कि संस्थान से राज्य सरकार ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है, लेकिन यदि हमसे ऐसा अनुरोध करने के लिए संपर्क किया जाता है, तो हम इस कार्य के लिए हमारे परिसर मुहैया कराने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि प्राधिकारी बंद के कारण छात्रावासों में रह रहे विश्वविद्यालय के छात्रों की जरूरतों का सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार ध्यान रख रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमारे शिक्षक कक्षाएं ऑनलाइन ले रहे हैं. यह नया अनुभव है.’ जादवपुर विश्वविद्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने भी कहा कि यदि सरकार उसकी किसी इमारत का इस्तेमाल करना चाहती है, तो विश्वविद्यालय इसके लिए प्रबंध करने को तैयार है. सेंट जेवियर विश्वविद्यालय के कुलपति फादर फेलिक्स राज ने भी कहा कि प्रशासन की किसी भी प्रकार की मदद करने में उन्हें खुशी होगी.