Aligarh News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व राष्ट्रीय लोक दल राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के बीच गठबंधन की उम्मीदों पर अलीगढ़ की तीन जाट बाहुल्य विधानसभा सीटों पर राष्ट्रीय लोक दल अपना प्रत्याशी उतारने की प्लानिंग कर सकता है. जयंत सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्षों के साथ 25 नवंबर को बैठक करेंगे जिसमें अलीगढ़ की सीटों का चयन हो सकता है.
अलीगढ़ की जाट बाहुल्य विधानसभा खैर, इगलास, बरौली पर रालोद प्रत्याशी उतारने के लिए अलीगढ़ रालोद जिलाध्यक्ष चौधरी कालीचरण पहले से ही प्रदेश हाईकमान के संपर्क में हैं. खैर, इगलास, बरौली तीनों विधानसभा पर अभी भाजपा के विधायक काबिज है. पर इन तीनों सीटों पर भाजपा से पूर्व राष्ट्रीय लोक दल का वजूद रहा है.
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अलीगढ़ के तीन विधानसभाओं पर पहले कभी चौधरी चरण सिंह का दबदबा रहता था. चौधरी चरण सिंह की परिवार की पार्टी से पहले भी 3 विधानसभा से 13 विधायक चुने जा चुके हैं. 2017 के चुनाव में भी रालोद और सपा गठबंधन से प्रत्याशी उतरे थे, परंतु कोई सफलता हासिल नहीं हो पाई थी.
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अलीगढ़ की कोल, इगलास, छर्रा, बरौली, खैर में लोक दल, राष्ट्रीय लोक दल, बीकेडी का सफर शानदार रहा. कोल से 1969 में बीकेडी से पूरन चंद्र विधायक बने. इगलास से 1969 में बीकेडी के गायत्री देवी, 1974 में बीकेडी से चौ. राजेंद्र सिंह, 1985 में लोकदल से चौ. राजेंद्र सिंह, 1991 में लोकदल से डॉ. ज्ञानवती, 2007 में रालोद से चौ. विमलेश सिंह, 2012 में रालोद से त्रिलोकीराम दिवाकर विधायक चुने गए. छर्रा से 1974 में भारतीय क्रांति दल से बाबू सिंह विधायक रहे. बरौली से 1969 में भारतीय क्रांति दल से महावीर सिंह, 2012 में रालोद से ठाकुर दलवीर सिंह विधायक रहे. खैर से 1985 में लोकदल से चौ. जगवीर सिंह, 2007 में रालोद से चौ. सत्यपाल सिंह, 2012 में रालोद से भगवती प्रसाद सूर्यवंशी विधायक रहे.
(रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़)