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UP MLC Chunav 2022: BJP में MLC टिकट को लेकर दावेदारों की बेचैनी बढ़ी, 4 के नाम प्रदेश कार्यालय भेजे गये

UP MLC Chunav 2022: पिछले चुनाव (2016) में कानपुर-फतेहपुर सीट से भाजपा के वैश्य समाज से अनिल गुप्ता चार्ली को प्रत्याशी बनाया था. ऐसे में इस बार भी वैश्य समाज से जुड़े कार्यकर्ता यहां से प्रमुखता से दावेदारी कर रहे हैं.

UP MLC Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के बाद अब एमएलसी चुनाव की तैयारियां जोरों पर है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के दावेदारों की बेचैनी बढ़ गई है. कानपुर-फतेहपुर सीट के लिए दावेदारी करने वाले 9 नेताओं में से 4 के नाम प्रदेश कार्यालय भेज दिए गए हैं. नामांकन की अंतिम तारीख 19 मार्च है. ऐसे में एक-दो दिन में सूची जारी होने की संभावना है.

गृह मंत्री अमित शाह के मंत्रियों के साथ बैठक

गृह मंत्री अमित शाह की आज मंत्रियों के साथ बैठक हो रही है. माना जा रहा है कि इसमें एमएलसी चुनाव को लेकर चर्चा होगी, जिसके बाद उम्मीदवारों के नाम फाइनल किये जाएंगे. एमएलसी चुनाव को लेकर जिन लोगों ने दावेदारी की है, उनमें से पार्टी के कई पदाधिकारी के अलावा वैश्य, यादव, दलित बिरादरी के नेता भी शामिल हैं.

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वैश्व समाज के नेता फिर से ठोंक रहे ताल

पिछले चुनाव (2016) में इस सीट से भाजपा के वैश्य समाज से अनिल गुप्ता चार्ली को प्रत्याशी बनाया था. ऐसे में इस बार भी वैश्य समाज से जुड़े कार्यकर्ता यहां से प्रमुखता से दावेदारी कर रहे हैं. इस बीच हर हाल में चुनाव जीतने के लिए पार्टी की तरफ से विधानसभा चुनाव प्रभारियों को फिर से एमएलसी चुनाव प्रभारी बनाकर जिलों में भेज दिया गया है, जहां वे जिला इकाई की टीमों के साथ प्रभारी से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक को साधने में जुटे हैं.

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जिस पार्टी की सरकार, उसके एमएलसी ज्यादा

उच्च सदन यानी विधान परिषद में किसका दम रहेगा, यह निचले सदन यानी विधानसभा में पार्टियों के विधायकों की संख्या पर भी निर्भर करता है. मसलन, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में साल 2004 में हुए चुनाव में सपा 36 में से 24 सीटों पर काबिज हुई थी. वहीं, बसपा के पास एक भी सीट नहीं थी. इसके बाद साल 2010 में जब इन सीटों पर दोबारा चुनाव हुए तो बसपा की मायावती मुख्यमंत्री थीं. उन्होंने यूपी की 36 विधान परिषद सीट में से 34 सीट पर जीत हासिल की थी. इसके बाद साल 2016 में अखिलेश यादव के सीएम रहते चुनाव हुए तो सपा 31 सीटें जीतने में सफल रही थी. इसमें 8 सीट पर सपा ने निर्विरोध जीत दर्ज कर रिकॉर्ड बनाया था. यही कारण है कि वर्तमान में सपा के पास एमएलसी की ज्यादा सीटें हैं.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर

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