UP Nikay Chunav Results: उत्तर प्रदेश में मेरठ निकाय चुनाव के परिणाम भाजपा के पक्ष में रहे हैं. मेयर पद पर हरिकांत अहलूवालिया ने जीत दर्ज की है. उन्होंने 235953 मत हासिल किए. ये कुल मतों का 41.07 प्रतिशत रहा. हरिकांत अहलूवालिया ने सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को शिकस्त देकर जीत दर्ज की.
मेरठ नगर निगम में मेयर पद के लिए भाजपा से हरिकांत अहलूवालिया,सपा से सीमा प्रधान, बसपा से हशमत मलिक ने अपनी किस्मत आजमाई. मतगणना से पहले सभी प्रत्याशी अपनी जीत के दावे कर रहे थे. हालांकि जनता ने हरिकांत अहलूवालिया पर अपना भरोसा जताते हुए शहर का प्रथम नागरिक बनाया. खास बात है कि मेरठ के शहरी मतदाताओं ने इस बार अपने रिकार्ड को बदलते हुए मतदान किया. मेरठ नगर निगम के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो अभी तक शहरवासी सत्ता की धारा के विपरीत चलना पसंद करते आए हैं.
सत्ता किसी भी दल की हो. शहरवासियों को उसके उम्मीदवार पसंद नहीं आते हैं. वह विपक्ष के प्रत्याशी पर ही अपना भरोसा जताती आई है. इस बार भाजपा के पास इस मिथक को तोड़ने की चुनौती थी, जिसमें वह कामयाब हुई. वर्ष 1995 से 2017 तक नगर निगम के पांच बार हुए चुनावों में भाजपा ने दो और बसपा ने तीन बार जीत दर्ज की है. इनमें चार बार पिछड़ा वर्ग और एक बार अनुसूचित जाति का व्यक्ति शहर का पहला नागरिक बना.
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1995 में मेरठ नगर महापालिका के 60 वार्ड थे. तब बसपा प्रत्याशी अयूब अंसारी नगर प्रमुख चुने गए. बाद में नगर प्रमुख का पद मेयर के नाम से जाना गया.
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इसके बाद वर्ष 2000 में सीमा विस्तार के बाद 70 वार्ड बने. बसपा के हाजी शाहिद अखलाक मेयर निर्वाचित हुए.
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वर्ष 2006 में निगम के 80 वार्ड हो गए. भाजपा की पिछड़ा वर्ग से मधु गुर्जर ने जीत दर्ज कर मेयर पद की कुर्सी संभाली.
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वर्ष 2012 में पिछड़ा वर्ग से भाजपा के हरिकांत अहलुवालिया मेयर बने.
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2017 में 90 वार्ड में चुनाव हुआ. एससी कोटे से बसपा की सुनीता वर्मा ने मेयर पद पर जीत हासिल की.
निकाय चुनाव में 2017 में मेरठ में मेयर पद के चुनाव पर नजर डालें तो बसपा उम्मीदवार सुनीता वर्मा ने भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए जीत हासिल की थी. उन्हें 234,817 वोट मिले. वहीं भाजपा उम्मीदवार कांता कर्दम को 205,235 मत मिले. इस तरह सुनीता वर्मा ने करीब 29 हजार वोटों से जीत हासिल की. सपा को 47,153 मत और कांग्रेस को 28,794 वोट मिले.