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UPPCS : RO-ARO परीक्षा में पेपर लीक मामलें में अभ्यर्थी करेंगे बड़ा प्रदर्शन, लोकसेवा आयोग के आसपास का इलाका छावनी में तब्दील

UPPCS : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आरओ / एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक के आरोप पर गठित किए गए आंतरिक जांच समिति तेजी से आगे बढ़ रही है.

UPPCS : प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी और यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा मामले को लेकर अभ्यर्थी बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं. छात्रों के संगठनों ने लोक सेवा आयोग के सामने एक बार फिर भीड़ जुटाकर प्रदर्शन की तैयारी की है. छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुपों में इसे लेकर मैसेज जारी किए जा रहे हैं. हालांकि, इस बार पुलिस पहले से मुस्तैद है. लोक सेवा आयोग के गेट और आसपास के इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. पुलिस अधिकारी आयोग के सामने गश्त कर रहे हैं. पुलिस की कई टीमें छात्रनेताओं पर नजर बनाई हुईं हैं. रविवार के रात ही पुलिस की टीमें ऐसे छात्रों की तलाश में जुट गईं थी जो लोक सेवा आयोग के सामने विरोध प्रदर्शन के नेतृत्व की तैयारी में थे. इसी मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने भी सिविल लाइंस स्थित धरना स्थल पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी की है. दोपहर बाद आम आदमी पार्टी के जिला स्तरीय नेता धरना स्थल पर जमा होंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आरओ / एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक के आरोप पर गठित किए गए आंतरिक जांच समिति तेजी से आगे बढ़ रही है. आयोग ने 58 जिलों के नोडल अफसरों से परीक्षा केंद्रों को लेकर रिपोर्ट तलब की है. आयोग के सूत्रों के अनुसार अब तक जो भी साक्ष्य सामने आए हैं या अभ्यर्थियों की ओर से उपलब्ध कराए गए हैं, उनके अनुसार दोनों पालियों के प्रश्नपत्रों की आंसरशीट परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल की गई. प्रथम प्रश्न पत्र की जो आंसरशीट वायरल की गई, उसमें आधे सवालों के वैकल्पिक जवाब सही और आधे गलत हैं.

अभी तक जांच में यह आया सामने

वहीं दूसरी पाली में हिंदी के प्रश्नपत्र में केवल 28 सवालों के वैकल्पिक उत्तर सही हैं और बाकी सवालों के जवाब गलत हैं. अगर प्रश्नपत्र आयोग के स्तर से या प्रिंटिंग प्रेस के स्तर से आउट होता तो एक दिन पहले ही अभ्यर्थियों तक पहुंच गया होता और सभी सवालों के जवाब भी सहीं होते. अब तक हुई जांच में सामने आए इन तथ्यों के आधार पर माना जा रहा है कि अगर पेपर आउट हुआ है तो यह परीक्षा केंद्र के स्तर से हो सकता है. हालांकि, इस बाबत भी कोई ठोस साक्ष्य सामने नहीं आया है कि पेपर परीक्षा केंद्र के स्तर से बाहर आया. वायरल हुए दोनों पेपर लाखों मोबाइल फोन तक पहुंचे, इसलिए इसकी जड़ तलाशने में अभी वक्त लगेगा. गौरतलब है कि आरओ / एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा प्रदेश के 58 जिलों के 2387 केंद्रों में आयोजित की गई थी. ऐसे में आयोग एक-एक केंद्र को खंगाल रहा है. सूत्रों का कहना है कि इसके लिए सभी 58 जिलों के नोडल अफसरों से रिपोर्ट मांगी गई है. उनसे पूछा गया है कि किस केंद्र में पेपर कितने बजे पहुंचा और पेपर का बंडल कब खुला. इस पूरी प्रक्रिया की सीसीटीवी फुटेज भी मांगी गई है. सभी 58 जिलों के स्थानीय प्रशासन से भी संपर्क किया जा रहा है ताकि रिपोर्ट शीघ्र प्राप्त हो और जांच किसी निष्कर्ष तक पहुंच सके.

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