Bareilly News : शुक्रवार को बरेली मंडल के बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर में जुमे की नमाज शांतिपूर्ण (अमन के साथ) संपन्न हुई. मंडल के शहरों से लेकर देहात तक से किसी भी तरह के विवाद की सूचना नहीं आई है. इससे प्रशासन-पुलिस के अफसरों ने राहत की सांस ली है. मगर,चप्पे-चप्पे पर पुलिस और पैरामिलेट्री फोर्स के जवान मुस्तैद रहे. बरेली में एडीजी राजकुमार,डीएम शिवाकांत द्विवेदी, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण समेत प्रमुख अफसरों ने शांति व्यवस्था कायम रखने को सुरक्षा की कमान संभाल ली थी. यह अफसर खुद ही सड़कों पर उतर आएं.
मस्जिदों में नमाज के बाद मुल्क (देश) में अमन और तरक्की के लिए दुआएं की गई, लेकिन पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में बार-बार गुस्ताखी पर नाराजगी जताई गई है. इस्लामिया मैदान पर भीड़ न पहुचे. इसके लिए मैदान का गेट बंद कर बड़ी संख्या में फोर्स लगाया गया था. पैग़ंबर-ए-इस्लाम के खिलाफ भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद से देश के साथ-साथ दुनिया के मुसलमानों में नाराजगी है. पिछले शुक्रवार को कानपुर में जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता के बयान से खफा मुसलमान सड़कों पर उतर आए. इसके बाद बड़ा बवाल हो गया था. बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 10 जून को इस्लामिया मैदान में धरना प्रदर्शन का ऐलान किया था, लेकिन बुधवार को गंगा दशहरा स्नान के चलते टाल दिया गया.
मगर, अब 17 जून को इस्लामिया मैदान में महिलाएं,बच्चों और युवाओं के साथ धरने का ऐलान किया है. इस धरने को यौम-ए-दुरूद नाम दिया गया है.बरेली में शुक्रवार को किसी भी तरह का धरना नहीं था, लेकिन एहतियात के तौर पर शहर में धारा 144 लागू कर बड़ी संख्या में फोर्स लगाया गया था.शहर में चार एसपी, आठ सीओ,35 इस्पेक्टर 218 सब इंस्पेक्टर, 142 हेड कांस्टेबल, 929 कांस्टेबल, 69 महिला कांस्टेबल, 7 महिला दरोगा, पैरामिलिट्री फोर्स पीएसी की पांच कंपनी और दो कंपनी आरएएफ को शहर की शांति व्यवस्था बनाने का जिम्मा दिया गया था.
मस्जिदों के बाहर ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई. शहर से लेकर देहात तक शांति के साथ जुमे की नमाज संपन्न हुई.मस्जिदों में नमाज के बाद देश के अमन और तरक्की के लिए दुआएं की गई. इसके साथ ही उलमा ने कहा कि यह मुल्क हमारा है. इसमें अमन कायम रहे.यह हम सभी की जिम्मेदारी है.इसलिए कोई भी ऐसा काम ना करें, जिससे अमन खराब हो.मगर, पैग़ंबर-ए-इस्लाम की शान में की गई टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई गई.उलमा ने कहा कि सियासी फायदा लेने के लिए यह सब किया जाता है.मगर, सरकार को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद