Prayagraj News: प्रधानमंत्री द्वारा नौशेरा में सेना की वर्दी पहनने के मामले में 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज करने और कारवाई की मांग को लेकर दाखिल रिवीजन पर सुनवाई करते हुए जिला जज नलिन श्रीवास्तव ने पोषणीयता के आधार पर खारिज कर दिया. कोर्ट ने यह आदेश अधिवक्ता राकेश नाथ पांडे और शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह बिसेन को सुनने के बाद दिया. हालांकि, कोर्ट ने माना की सेना की वर्दी पहनाना धारा 140 के तहत अपराध है.
लेकिन यह मामला उनके न्यायिक क्षेत्र के बाहर है. इस संबंध में जम्मू कश्मीर में वाद दाखिल किया जाना चाहिए, जहां मामले के संबंध में जांच और परीक्षण हो सके. साथ ही कोर्ट ने कहा कि धारा 177 के अंतर्गत जहां की घटना हो बाद वही दाखिल किया जाना चाहिए. इस संबंध में हाई कोर्ट के कई आदेश है. गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने इस संबंध में पीएमओ को नोटिस जारी कर जवाब भी तलब किया था.
दरअसल अधिवक्ता राकेश नाथ पांडे ने सीजीएम कोर्ट के समक्ष 156(3) में वाद दाखिल करते कहा कि प्रधानमंत्री ने 4 नवंबर, 2021 को जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में भारतीय सेना की वर्दी पहनी थी, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के तहत दंडनीय अपराध है और प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी. जिस पर 21 दिसंबर को सीजेएम जज हरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने अधिकार क्षेत्र के बाहर बताते हुए पोषणीयता के आधार पर खारिज कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने जिला जज के यहां रिवीजन दाखिल किया था.