बिरनी (गिरिडीह) रणबीर बर्णवाल: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड के सिमराढाब निवासी बुधन महतो के इकलौता पुत्र सुबोध वर्मा व केशोडीह निवासी हेमलाल महतो के पुत्र विश्वजीत वर्मा फंसे हुए हैं. इन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है. सुखद खबर मिलते ही दोनों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गयी है. सुरंग के बाहर विश्वजीत का भाई इंद्रजीत वर्मा मुस्तैद है और पल-पल का अपडेट अपने परिजनों को दे रहा है. विश्वजीत की पत्नी चमेली ने अपने पति से फोन पर बातचीत की. इंद्रजीत ने बताया कि सुरंग के बाहर एंबुलेंस तैनात है. सुरंग से निकालने के बाद उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा. मजदूरों के सकुशल रेस्क्यू को लेकर केंद्र व उत्तराखंड की सरकार लगातार काम कर रही है. सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकाले जाने के बाद स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जाएगा. आपको बता दें कि झारखंड के विभिन्न जिलों के कुल 15 मजदूर सुरंग में फंसे हैं.
सुरंग के बाहर एंबुलेंस के साथ खड़ा है विश्वजीत का भाई इंद्रजीत
विश्वजीत वर्मा सुबोध वर्मा का मौसा है और विश्वजीत ही डेढ़ माह पूर्व मजदूरी करने के लिए सुबोध को अपने साथ उत्तरकाशी ले गया था. 12 नवंबर की सुबह इस घटना की सूचना मिलते ही विश्वजीत का भाई इंद्रजीत वर्मा 13 नवंबर को ऋषिकेश से मजदूरी का काम छोड़कर अपने भाई की सुरंग से सकुशल वापसी को लेकर उत्तराखंड पहुंच गया था.
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पत्नी ने विश्वजीत से फोन पर की बात
विश्वजीत के भाई इंद्रजीत ने बताया कि मंगलवार रात तक किसी भी समय सभी मजदूरों का रेस्क्यू किया जा सकता है. इसके लिए उत्तराखंड सरकार समेत आलाधिकारी दिन-रात कर काम कर रहे हैं. विश्वजीत की पत्नी चमेली देवी ने बताया कि दो दिन पति से हमारी दूरभाष पर बात हुई है और मंगलवार को भी बात हुई. पति ने कहा कि चिंता नहीं करें और खाना-पीना खायें. सभी लोगों को ठीक से रहने को कहा. जल्द वापस घर लौट आएंगे. सभी लोग सुरंग में सकुशल हैं. पत्नी ने कहा कि पति से बात होने पर काफी खुशी हुई है. ईश्वर से प्रतिदिन प्रार्थना कर रही हूं कि सभी लोग जल्द से जल्द बाहर निकल जाएं.
फोन पर नहीं हो सकी बेटे से बात
इधर, मजदूर सुबोध की मां चन्द्रिका देवी ने बताया कि पुत्र से बात नहीं हो पाई है. कॉल आया था, लेकिन पानी लेने के लिए गयी हुई थी. जब वापस फोन लगाने लगी तो फोन व्यस्त आने लगा. ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि पुत्र सकुशल वापस घर लौट आए.
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