माधुरी झील के पास माधुरी दीक्षित की फिल्म कोयला एक गाना फिल्माया गया था, जिसके बाद लोग सांगेसर झील को माधुरी झील कहने लगे. समुद्र तल से 15,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित सांगेसर झील भूकंप की वजह से बनी थी. स्थानीय लोगों के अनुसार ये झील अपनी वर्तमान जगह से कुछ दूरी पर स्थित थी. मगर टेक्टोनिक प्लेटों के खिसकने के कारण झील आज अपनी जगह से खिसक गई. जिसकी वजह से देवदार के जंगल का एक बड़ा हिस्सा पानी में समा गया.
कोयला फिल्म का ये गाना फिल्माया गया था यहां
90 के दशक में, शाहरुख खान और माधुरी दीक्षित की बॉलीवुड फिल्म कोयला का एक गाना ‘तनहाई-तनहाई दोनों को पास ले आई’ झील के पास फिल्माया गया था. गाना तो मशहूर हुआ ही, साथ ही झील ने भी कई तारीफें बटोरी.
झील के लिए जाने वाला रास्ता बेहद उबड़-खाबड़ वाला है. इस यात्रा में आपको 50 से अधिक टेडी-मेडी सड़कें मिलेंगी. इस झील के दर्शन के लिए तवांग स्थित जिला आयुक्त (डीसी) कार्यालय से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है. किसी भी विदेशी को झील वाली जगह पर जाने की अनुमति नहीं है. तवांग से सांगेसर झील तक पहुंचने में करीब ढाई से साढ़े तीन घंटे का समय लगता है. पर्यटक रास्ते में ड्राइविंग के दौरान बर्फ से ढके पहाड़, ग्लेशियर, जल निकाय आदि का भी मजा ले सकते हैं.
सांगेसर या माधुरी दीक्षित झील की यात्रा करते समय पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी साथ में जरूर लेकर जाएं. अपनी यात्रा सुबह 7:30 या 8:00 बजे से शुरू करें. भारी भीड़ से बचने के लिए जुलाई के आसपास इस झील को देखने का प्लान बनाएं.
वहां झील के पास एक सेना शिविर है, जहां पर्यटकों को बहुत सस्ती कीमत पर दस्ताने, जूते, जैकेट आदि मिलते हैं. साथ ही वहां भारतीय सेना द्वारा जलपान की भी व्यवस्था की गई है. आप आराम से बैठकर चाय, कॉफी या मैगी का मजा ले सकते हैं.