फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने बॉलीवुड को लेकर एक ‘इनसाइड स्टोरी’ शेयर की है. उन्होंने कहा कि यह न केवल प्रतिभा का केंद्र है बल्कि प्रतिभा का ‘कब्रिस्तान’ भी है. उन्होंने इस बारे में भी बात की जो लोग अपेक्षित स्तर की सफलता हासिल नहीं करते हैं, वे बिना किसी आय और शक्ति के शोबिज के दुष्चक्र में कैसे फंस जाते हैं, लेकिन उन्हें इसे नकली बनाने के लिए मजबूर किया जाता है.
कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर ने ट्विटर पर पोस्ट साझा किया है. उन्होंने लिखा, ‘आप जो देख रहे हैं वह बॉलीवुड नहीं है. असली बॉलीवुड अंधेरी गलियों में पाया जाता है. एक आम आदमी के लिए थाह पाना नामुमकिन है. इन अँधेरी गलियों में बिखरे कुचले सपने, मिल सकते हैं. बॉलीवुड अगर टैलेंट का म्यूजियम है तो टैलेंट का कब्रिस्तान भी है. जो कोई भी यहां आता है, वह जानता है कि अस्वीकृति सौदे का हिस्सा है. अपमान और शोषण है जो किसी भी तरह की मानवता में सपनों, आशाओं और विश्वास को तोड़ देता है. भोजन के बिना जिंदा रहा जा सकता है लेकिन सम्मान और आशा के बिना जीना असंभव है.”
Bollywood. An Inside Story. Pl. read. pic.twitter.com/e4WcBvJLLU
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) August 21, 2022
उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, “यह इतना कठिन है कि कोई लड़ाई करने के बजाय हार मान लेता है. भाग्यशाली हैं वे जो घर वापस जाते हैं. जो लोग कुछ सफलता पाते हैं लेकिन असली नहीं, वे ड्रग्स, शराब और कई प्रकार की जीवन-हानिकारक चीजों में शामिल हो जाते हैं. अब उन्हें पैसे की जरूरत है. इसलिए उन्हें हर तरह के मज़ेदार पैसे से परिचित कराया जाता है.
विवेक अग्निहोत्री ने बताया, “कुछ सफलता सबसे खतरनाक होती है. आप बिना किसी कमाई और पावर के शोबिज में हैं. आपको स्टार की तरह दिखना है, स्टार की तरह पार्टी करना है, स्टार की तरह पीआर करना है लेकिन आप स्टार नहीं हैं. आप कल्पना करें जहां आपको बिना बंदूक या चाकू के एक गैंगस्टर की तरह व्यवहार करना होगा. यह वह जगह है जहां आप अपमान और शोषण के लिए खुले हैं. इंस्टाग्राम फ्री नहीं है. यह शूटिंग के लिए पैसे मांगता है, अच्छा दिखता है, व्यस्त लगता है. ”
Also Read: कौन हैं खुद से शादी करनेवाली कनिष्का सोनी, ‘मंगलसूत्र’ और ‘सिंदूर’ लगाये शेयर की तस्वीरें
उन्होंने कहा कि यह “मान्यता की खोखली दौड़” उन्हें वापस वहीं ले आती है जहां से उन्होंने शुरुआत की थी – “डार्क होल, जो प्रत्येक दौड़ के साथ गहरा और गहरा होता जाता है. आप दिखावा करते हैं, कोई नहीं देखता है. आप चिल्लाते हैं, कोई नहीं सुनता. आप रोते हैं, कोई परवाह नहीं करता है. आप चुपचाप अपने सपनों को दफनाते हैं. आपकी असफलता उनका उत्सव बन जाती है. आप चलते-फिरते मरे हुए आदमी हैं. एक दिन, आप सचमुच मर जाते हैं और फिर दुनिया आपको देखती है.”