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WBSSC Scam : शांतिनिकेतन में मोनालिसा और पार्थ चटर्जी के नाम पर ईडी को कई संपत्ति का मिला सुराग

WBSSC Scam : जो बात निकलकर सामने आ रही है उसके अनुसार पार्थ चटर्जी के पास शांतिनिकेतन में दो घर और एक गेस्ट हाउस है. शांतिनिकेतन का गोआल पाड़ा में एक फर्म हाउस, एक बगीचा घर और फुल डांगा में एक गेस्ट हाउस है. साथ ही शांतिनिकेतन में कई जगहों पर मंत्री के रिश्तेदारों के नाम जमीन भी है.

अर्पिता मुखर्जी के बाद और पार्थ चटर्जी की एक और सहयोगी मोनालिसा दास केंद्रीय जांच एजेंसी की निगरानी में है. मोनालिसा दास की बात करें तो वह नाम की महिला पेशे से प्रोफेसर हैं. जानकारी मिली है कि शांति निकेतन में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी के 3 आलीशान घर हैं. उद्योग मंत्री की ‘करीबी’ मोनालिसा भी ईडी जांच के दायरे में हैं. बताया जा रहा है कि कभी-कभी ‘माहौल और हवा पानी बदलने’ के लिए पार्थ चटर्जी और मोनालिसा दास बोलपुर के इन मकानों में आते थे.

पार्थ चटर्जी भ्रष्टाचार मामले में पहले ही गिरफ्तार

राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी एसएससी भ्रष्टाचार मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी की छापेमारी में अर्पिता के घर से 21 करोड़ रुपये नकद, 79 लाख रुपये के सोने के आभूषण मिले है. अब जो बात निकलकर सामने आ रही है उसके अनुसार पार्थ चटर्जी के पास शांतिनिकेतन में दो घर और एक गेस्ट हाउस है. शांतिनिकेतन का गोआल पाड़ा में एक फर्म हाउस, एक बगीचा घर और फुल डांगा में एक गेस्ट हाउस है. साथ ही शांतिनिकेतन में कई जगहों पर मंत्री के रिश्तेदारों के नाम जमीन भी है.

कोलकाता समेत न्यूटाउन में कई जगह फ्लैट हैं मोनालिसा दास के पास

ईडी के सूत्रों के मुताबिक, पहले ही पता चल गया है कि मोनालिसा दास के पास बीरभूम के शांतिनिकेतन में कुछ जमीन और कोलकाता समेत न्यूटाउन में कई जगह फ्लैट हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी के घर पर तलाशी अभियान के दौरान कई दस्तावेज भी बरामद किये हैं. जांचकर्ताओं को उस स्रोत से मोनालिसा दास का ठिकाना भी मिल गया है. ईडी अपनी हिरासत में पार्थ चटर्जी से मोनालिसा के बारे में और जानकारी जुटा रही हैं.

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पार्थ के करीबी हैं वेस्ट बर्दवान की प्रोफेसर मोनालिसा दास?

मामले में अर्पिता के बाद मोनालिसा दास का नाम सामने आया है. शांतिनिकेतन की मोनालिसा दास को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. लेकिन यह मोनालिसा कौन है ? विभिन्न मीडिया के अनुसार, मोनालिसा दास को पार्थ चटर्जी के करीबी के रूप में भी जाना जाता है. ईडी ने उसके नाम कम से कम 10 फ्लैटों का पता लगाया है. उन्होंने 2014 में आसनसोल में काजी नजरूल विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था. वह वर्तमान में उस विश्वविद्यालय में बंगाली विभाग के विभागाध्यक्ष हैं. मोनालिसा दास की प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति ने सवाल उठाया है कि क्या उन्हें यह नौकरी प्रभाव में मिली थी. इस नियुक्ति के पीछे पार्थ चट्टोपाध्याय की विशेष भूमिका थी.

मोनालिसा दास ईडी की निगरानी में

उल्लेखनीय है कि मोनालिसा दास ईडी की निगरानी में हैं. अभी यह साफ नहीं है कि पार्थ चटर्जी के साथ उनके रिश्ते अब कैसे हैं ? लेकिन, एक प्रोफेसर के नाम पर इतने फ्लैट कैसे आ गये ? यह सवाल उठ रहे हैं. पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद दिलीप घोष ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘पार्थ चटर्जी गहरे पानी की मछली है. एक करीबी महिला के घर में न सिर्फ करोड़ों रुपये जमा मिले हैं, बल्कि शांतिनिकेतन में एक और करीबी महिला के नाम पर कई फ्लैट समेत बड़ी संपत्ति है. हाल ही में जब भी राज्य में किसी तरह के आर्थिक भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, महिला साथी (मक्षीरानी) सामने आयी हैं. रोज वैली या सारदा मामले में देवयानी इन ठगों ने मुख्य आरोपी की पीठ पीछे काम किया है.

अर्पिता मुखर्जी की तरह पार्थ चटर्जी की आड़ में उन्होंने भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं. पैसों के लेन-देन की जानकारी उन्हीं के हाथ में रही. ईडी की तलाशी में बड़ी रकम मिलने से यह जानकारी साबित हुई. हालांकि पार्थ मंत्री के रूप में काम किये, लेकिन अर्पिता ने उनके पीछे से भ्रष्टाचार का प्रबंधन किया.

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