भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे देश के शीर्ष पहलवानों ने मंगलवार को हरिद्वार में अपने मेडल्स को गंगा में विसर्जित करने की बात कही है. इस योजना की घोषणा के कुछ घंटे बाद हरिद्वार पुलिस ने कहा कि वे पहलवानों को ऐसा करने से नहीं रोकेंगे. हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा, ‘पहलवान कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं. अगर वे अपने पदक पवित्र गंगा में विसर्जित करने आ रहे हैं तो हम उन्हें नहीं रोकेंगे. न ही मुझे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से ऐसा कोई निर्देश मिला है.’
अजय सिंह ने कहा कि लोग पवित्र गंगा में सोना, चांदी और अस्थियां विसर्जित करते हैं और पहलवान चाहें तो अपने पदक विसर्जित कर सकते हैं. सिंह ने कहा कि गंगा दशहरा के अवसर पर लगभग 15 लाख तीर्थयात्री गंगा में पवित्र डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार आते हैं और पहलवानों का भी स्वागत किया जाता है. पहलवान 23 अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे हैं और नाबालिग सहित खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
Also Read: गंगा में फेंक देंगे मेडल, इंडिया गेट पर करेंगे आमरण अनशन, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कही यह बात
रविवार को पुलिस ने उनमें से कई को उस समय हिरासत में ले लिया, जब वे नये संसद भवन की ओर मार्च करने लगे थे. पुलिस ने विरोध स्थल पर लगे टेंटों को भी तोड़ दिया, और पहलवानों के विरोध के आयोजकों पर दंगा करने और गैरकानूनी सभा करने के आरोप में मामला दर्ज किया. मंगलवार को ट्विटर पर साझा किये गये बयानों में पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने कहा कि पहलवान हरिद्वार जायेंगे और शाम 6 बजे अपने पदक गंगा में विसर्जित करेंगे.
साक्षी मलिक ने कहा कि ये पदक हमारे जीवन, हमारी आत्मा हैं. आज उन्हें गंगा में विसर्जित करने के बाद जीने का कोई कारण नहीं रहेगा. इसलिए हम उसके बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन शुरू करेंगे. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.