21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पश्चिम बंगाल की 38 लाख महिलाएं बनेंगी लखपति, बोलीं वित्त राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य

चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि इस वित्त वर्ष में राज्य की 38 लाख महिलाएं लखपति होंगी. उन्होंने कहा कि राज्य बजट का 54 फीसदी महिलाओं पर और 17 फीसदी शिशुओं से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर खर्च किया जायेगा.

पश्चिम बंगाल की वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य लगातार तीसरी बार विधानसभा में राज्य बजट पेश कर चुकी हैं. शनिवार को सदन में संबोधन के दौरान उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद भी दिया. चंद्रिमा के अभिभाषण के साथ ही विधानसभा में बजट पर चर्चा समाप्त हुई. हालांकि, वित्त राज्यमंत्री के अभिभाषण से ठीक पहले ही भाजपा विधायक सदन से बाहर निकल गये. इस पर चंद्रिमा ने भाजपा की निंदा की. उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायकों ने सदन का अपमान किया है.

बजट की 54 फीसदी राशि महिलाओं पर खर्च करेगी सरकार

अपने अभिभाषण में चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि इस वित्त वर्ष में राज्य की 38 लाख महिलाएं लखपति होंगी. उन्होंने कहा कि राज्य बजट का 54 फीसदी महिलाओं पर और 17 फीसदी शिशुओं से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर खर्च किया जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य के 21 लाख लोगों के पास मनरेगा के तहत जॉब कॉर्ड हैं. नियमानुसार एक-तिहाई महिलाओं के पास जॉब कार्ड होना चाहिए. ऐसे में राज्य में 60 लाख महिलाओं के पास जॉब कार्ड हैं. पर केंद्र सरकार मनरेगा के तहत फंड आवंटित नहीं कर रही है. ऐसे में महिलाएं भी प्रभावित हो रही हैं. उन्होंने इसे महिलाओं का अपमान बताया.

Also Read: WB Budget 2024 : बंगाल विधानसभा में 3.6 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश, किस विभाग को कितनी राशि की गयी आवंटित

जॉब कार्ड वालों को बकाया राशि का भुगतान 21 फरवरी से

उन्होंने कहा कि 21 फरवरी से जॉब कार्ड वाले लोगों को उनकी बकाया राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता बार-बार सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करते हैं. यह राज्य की सभी महिलाओं का अपमान है. वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि, पश्चिम बंगाल का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) कभी नीचे नहीं गया. जीएसडीपी का बेहतर ग्राफ ही राज्य को लोन लेने की क्षमता प्रदान करता है, इसलिए राज्य सरकार ऋण ले पाती है.

कैग की रिपोर्ट पर चंद्रिमा का बयान

मंत्री ने कहा कि कैग रिपोर्ट जारी कर यह हवाला दिया जा रहा है कि, राज्य सरकार यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (उपयोजन प्रमाणपत्र) नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार से वर्ष 2002 से 2021 तक का उपयोजन प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है. उन्होंने बताया कि 2002 में वाममोर्चा की सरकार थी. तत्कालीन सरकार ने 15-16 उपयोजन प्रमाणपत्र केंद्र को नहीं सौंपे थे.

Also Read: शुभेंदु अधिकारी के साथ तृणमूल विधायक की हो जाती हाथापाई, मंत्री ने किया बीच-बचाव

बंगाल में रहने वाला हर व्यक्ति इस राज्य का निवासी

उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में हवाला दिया गया है कि राज्य के श्रमिक बाहर जाने को मजबूर हो रहे हैं. पर ऐसा नहीं है. जो लोग राज्य के बाहर दूसरे राज्य में कार्य कर रहे हैं, उन्हें उसी राज्य में स्वास्थ्य बीमा योजना स्वास्थ्य साथी से इलाज की सुविधा दी जा रही है. उन्होंने कहा कोलकाता समेत राज्य भर में बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड से लोग रोजगार के लिए आते हैं और यहां छोटे-मोटे कार्य कर भरण-पोषण करते हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल में रहने वाला हर व्यक्ति इस राज्य का निवासी है. उनके लिए राज्य सरकार की ओर हर तरह से सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें