West Bengal Panchayat Election: पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में हुए पंचायत चुनाव के दौरान भड़की हिंसा को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शुभेंदु अधिकारी के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेता राज्य में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
शुभेंदु ने हावड़ा जिले के अमता में भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों का दौरा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव के दौरान इन भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला किया गया था. भाजपा नेता ने हमले के पीड़ितों को सुरक्षा प्रदान करने में कथित रूप से विफल रहने के लिए स्थानीय अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि वह पीड़ितों को सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में ले जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी इन घटनाओं से अनभिज्ञता जता रही हैं. जब तक उनपर कार्रवाई नहीं होती, मैं चैन से नहीं बैठूंगा. उनकी पार्टी ने उसके आतंक और भय से लड़ने का साहस करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को सबक सिखाने की साजिश रची.’ विपक्ष के नेता ने कहा, ‘टीएमसी ने 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद उसी आतंकी रणनीति का सहारा लिया था. मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि टीएमसी समर्थक ऐसे गंभीर अपराध करके बच न जाएं.’
इसके बाद शुभेंदु अधिकारी भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलने दक्षिण 24 परगना जिले के बारुईपुर गए. उन्होंने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल में टीएमसी का जंगल राज जल्द ही खत्म हो जाएगा.’ टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि शुभेंदु अधिकारी राज्य में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के खिलाफ एक ‘शैतानी’ राजनीतिक साजिश के पीछे हैं. टीएमसी के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘शुभेंदु को जनता के बीच कोई समर्थन नहीं है. केवल एक चीज जो वह जानते हैं, वह है अदालत में भागना.’
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ इलाके में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव से एक दिन पहले एक राजनीतिक संघर्ष में घायल हुए 61 वर्षीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता की शनिवार को मौत हो गई. एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. टीएमसी ने हत्या के लिए इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) पर आरोप लगाया, लेकिन विपक्षी दल ने आरोप को खारिज कर दिया है.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि सात जुलाई की रात भांगड़ में शेख मुस्लिम पर लोहे की छड़ों से हमला हुआ था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. घटना पंचायत चुनाव शुरू होने से कुछ घंटों पहले की है, जब शेख जंगल को पार कर रहा था. अधिकारी ने कहा कि कोलकाता के एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई. भांगड़ में पार्टी गतिविधियों की बागडोर संभाल रहे कैनिंग पूर्व से टीएमसी विधायक शौकत मुल्ला ने आईएसएफ कार्यकर्ताओं पर मुस्लिम पर बिना किसी उकसावे के हमला करने का आरोप लगाया. शौकत का कहना है कि आईएसएफ इलाके में आतंक का साम्राज्य स्थापित करना चाहती है.
भांगड़ को आईएसएफ की दमदार पकड़ वाला इलाका माना जाता है और पार्टी का एकमात्र विधायक इसी विधानसभा क्षेत्र से है. आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की किसी भी तरह की हिंसा में संलिप्तता से इनकार किया है और इस तरह की घटनाओं के पीछे छिपे सच को सामने लाने के लिए एक उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की है. सिद्दीकी ने दावा किया कि ये टीएमसी के गुंडे हैं जो अतीत में कई आईएसएफ कार्यकर्ताओं पर हमला कर चुके हैं और कई हत्याओं को अंजाम दे चुके हैं.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि मुस्लिम की मौत के बाद आठ जून को जब से पंचायत चुनाव की तारीख घोषित हुई हैं तब से अब तक 39 लोगों की चुनाव से संबंधिंत हिंसा में मौत हो चुकी है. जिन लोगों ने अब तक जान गंवाई है उनमें से ज्यादातर लोग टीएमसी से संबंधित हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर चुनावी हिंसा की इस संस्कृति को रोक पाने में विफल होने का आरोप लगाया, जिसमें अब तक बहुत से लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा, ”हर मौत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है. ऐसा नहीं होना चाहिए. ऐसा क्यों है कि केवल पश्चिम बंगाल में ही पंचायत चुनाव गोलियों, बमों, हिंसा और जानमाल के नुकसान का पर्याय बन गया है?