कोलकाता/मेदिनीपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता शुभेंदु अधिकारी के पूर्वी मेदिनीपुर स्थित आवास पर शनिवार को एक बार फिर सीआईडी की टीम जांच करने के लिए पहुंची. टीम ने उस बैरक का निरीक्षण किया, जहां शुभेंदु के पूर्व सुरक्षाकर्मी शुभव्रत चक्रवर्ती रहते थे. दूसरी तरफ, कांथी को-ऑपरेटिव केस में शुभेंदु को बड़ी राहत मिल गयी है.
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के पैतृक घर जाकर बंगाल सीआईडी की टीम ने उनके पूर्व बॉडीगार्ड की मौत के तीन साल पुराने मामले की जांच की. मई, 2018 में शुभेंदु के बॉडीगार्ड रहे शुभव्रत चक्रवर्ती ने कथित तौर पर अपनी ही बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. तब इसे आत्महत्या का मामला बताया गया था.
पिछले सप्ताह शुभव्रत की विधवा सुपर्णा चक्रवर्ती ने कांथी थाना में नये सिरे से प्राथमिकी दर्ज करायी थी. सुपर्णा ने इस मामले की फिर से जांच कराने की मांग की. शुभेंदु के दिवंगत बॉडीगार्ड की विधवा ने अपनी ताजा शिकायत में कहा है कि उनके पति की मौत के पीछे कोई साजिश थी. इसलिए मामले की फिर से जांच हो, ताकि दोषी लोगों को सजा मिल सके.
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सुपर्णा ने यह भी कहा है कि जब उनके पति की मौत हुई थी, उस वक्त शुभेंदु अधिकारी बंगाल के कद्दावर नेता और मंत्री थे. उनके डर से उन्होंने तब कुछ नहीं कहा था. अब हालात बदल गये हैं. इसलिए वह चाहती हैं कि उनके पति की मौत की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले. शुभेंदु अधिकारी और उनकी पार्टी भाजपा इसे तृणमूल कांग्रेस की चाल बता रही है.
भाजपा का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा सीट पर अपनी हार को पचा नहीं पा रही हैं. इसलिए शुभेंदु अधिकारी को तरह-तरह से परेशान करने की कोशिश की जा रही है. पिछले दिनों शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि मैंने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराया था. यदि मुख्यमंत्री की इच्छा पर मुझे कुछ दिन जेल में भी रहना पड़ा, तो मैं इसके लिए तैयार हूं.
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ज्ञात हो कि बंगाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी. अब इस केस की जांच सीआईडी को सौंप दी गयी है. राज्य सशस्त्र पुलिस के जवान शुभव्रत चक्रवर्ती तब भी शुभेंदु के सुरक्षा घेरे में शामिल थे, जब वह तृणमूल कांग्रेस के सांसद थे. वर्ष 2015 में जब शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी की कैबिनेट में मंत्री बने, तब भी शुभव्रत उनके सुरक्षा दस्ते में शामिल रहे.
पूर्वी मेदिनीपुर जिला में स्थित कांथी को-ऑपरेटिव बैंक में कथित रूप से अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार ने स्पेशल ऑडिट शुरू की थी. इस पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. शुभेंदु अधिकारी इस को-ऑपरेटिव के चेयरमैन हैं. शुभेंदु की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शंपा सरकार ने शुभेंदु को बड़ी राहत देते हुए स्पेशल ऑडिट पर रोक लगा दी है.
जस्टिस सरकार ने कहा कि जब को-ऑपरेटिव की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक को नियमित तौर पर ऑडिट रिपोर्ट भेजी जा रही है, तो स्पेशल ऑडिट की कोई जरूरत नहीं है. इसके साथ ही न्यायाधीश ने मामले के सभी पक्षों को हलफनामा जमा करने का निर्देश दिया.
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उल्लेखनीय है कि शुभेंदु अधिकारी कांथी को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन हैं. तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी ने शुभेंदु अधिकारी पर को-ऑपरेटिव की राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया. यही नहीं, राज्य सरकार ने को-ऑपरेटिव का स्पेशल ऑडिट करने का आदेश दिया, जिसके खिलाफ शुभेंदु ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.
Posted By: Mithilesh Jha