कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाली बुद्धिजीवियों से राज्य में ‘लोकतांत्रिक मूल्यों के पतन’ के बारे में अपनी चुप्पी तोड़ने का बुधवार को आग्रह किया. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल ऐसा स्थान नहीं बनना चाहिए ,‘जहां लोकतंत्र अपनी अंतिम सांस लेता हो’. उन्होंने दावा किया कि हम मानवाधिकारों के उल्लंघन की प्रयोगशाला बन गये हैं.
राज्यपाल धनखड़ बोले- राज्य में लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे
जुलाई 2019 में राज्यपाल के रूप में पदभार संभालने के बाद से श्री धनखड़ का राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ लगातार टकराव होता रहा है. राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि वह राज्य में लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे और अपनी संवैधानिक शपथ को विफल नहीं होने दे सकते. उन्होंने कहा कि संविधान सभी के लिए एक निष्पक्ष दृष्टिकोण और समानता की अनुमति देता है.
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श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश के लिए सराहनीय कार्य किये
राज्यपाल ने कहा कि केंद्र ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति के माध्यम से इसके प्रति एक स्पष्ट संकेत दिया है. श्री धनखड़ ने कहा कि राज्य के लोगों को यह याद रखना चाहिए कि विभाजन के समय श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश के लिए सराहनीय कार्य किया. उन्होंने कहा कि यह श्यामा प्रसाद मुखर्जी की वजह से ही आज पश्चिम बंगाल है.
श्यामा प्रसाद ने देश के लिए दिया बलिदान
उन्होंने कहा कि विभाजन के समय जो खतरा था, उसे भारत मां के इस (श्यामा प्रसाद मुखर्जी) महान सपूत के महान प्रयासों से ही खत्म किया जा सका. उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक राष्ट्रवादी, स्वतंत्रता सेनानी और एक महान नेता थे, जिन्होंने ‘भारत मां’ की सेवा की सच्ची भावना के साथ अपना जीवन बलिदान कर दिया.
राज्यपाल को अपने पद की गरिमा का ख्याल नहीं : बिमान बनर्जी
वहीं, राज्यपाल की इस टिप्पणी पर विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल अपने पद की गरिमा का ख्याल भी नहीं रख रहे हैं. वह एक विशेष पार्टी के प्रवक्ता के रूप में बयानबाजी कर रहे हैं.