What is Deepfake and How To Spot It ? अगर आप Deepfake के बारे में जानते हैं तो आपको यह पता ही होगी कि यह कोई नई घटना नहीं है और काफी समय से यह चलन में भी है. हालांकि, टेक्नोलॉजी में डेवलपमेंट ने उन्हें काफी सोफिस्टिकेटेड बना दिया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें हाल ही में भारतीय एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो भी सामने आया था और पहले भी कई सेलिब्रिटीज ऐसे वीडियोज सामने आ चुके हैं. आज इस स्टोरी में हम आपको बताने वाले हैं कि डीपफेक वीडियो क्या हैं ? उन्हें बनाया कैसे जाता है और उनकी पहचान कैसे की जा सकती है.
डीपफेक क्या है? : आसान शब्दों में अगर समझा जाए तो डीपफेक हेरफेर किए गए फोटोज और वीडियोज हो सकते हैं, आमतौर पर वीडियो, जो किसी व्यक्ति की समानता या आवाज को किसी और की आवाज से बदलने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि वास्तव में उन्होंने कुछ ऐसा कहा या किया है. जबकि, उन्होंने ऐसा कभी किया ही नहीं है. ये फोटोज और वीडियोज देखने में बिलकुल ही असली जैसे लगते हैं.
कैसे बनाये जाते हैं डीपफेक वीडियोज? : डीपफेक एनकोडर और डिकोडर नेटवर्क के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल कर बनाए जाते हैं, अक्सर जेनरेटिव एडवरसैरियल नेटवर्क (जीएएन) के संदर्भ में. एनकोडर नेटवर्क सोर्स कंटेंट (उदाहरण के लिए, बेस चेहरा) का विश्लेषण करता है और जरुरी फीचर्स और रिप्रजेंटेशन को निकालता है. इसके बाद इन फीचर्स को डिकोडर नेटवर्क में भेज दिया जाता है, जो नये कंटेंट को जेनरेट करता है, जैसे कि एक हेरफेर किया गया चेहरा.
बार-बार दोहराया जाता है एक ही प्रोसेस: डीपफेक वीडियो के मामले में, निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए वीडियो के प्रत्येक फ्रेम के लिए इस प्रोसेस को दोहराया जाता है. GAN एक जनरेटर नेटवर्क के द्वारा ऑपरेट होते हैं जो फेक कंटेंट बनाता है और एक विभेदक नेटवर्क होता है जो फेक कंटेंट को रियल कंटेंट से अलग करने की कोशिश करता है.
डीपफेक वीडियोज की कैसे करें पहचान ? : डीपफेक वीडियोज की पहचान करने के लिए आपको सिर्फ कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. डीपफेक वीडियोज की पहचान करने के लिए, आप विजुअल और ऑडियो इनकन्सिस्टेन्सीज के साथ-साथ अन्य संकेतों को भी देख सकते हैं. डीपफेक वीडियोज का पता लगाने के लिए चेहरे के भाव, बेमेल लिप-सिंक, या पलक झपकाने में अनियमितता की जांच करें. केवल यहीं नहीं, जब भी आपको किसी वीडियो के बारे में शक हों, तो ऑडियो में खराबी को ध्यान में जरूर रखें. वॉइस , पिच, या टूटे-फूटे लैंग्वेज पैटर्न में बदलाव को भी आप पहचान करने के लिए सुन सकते हैं.
डीपफेक की पहचान करने के लिए आसपास की गतिविधियों पर रखें नजर: विजुअल डिस्टॉरशन, धुंधलापन, या इन्कन्सीस्टेन्ट लाइट अरेंजमेंट पर जरूर ध्यान दें. इस बात का ध्यान जरूर रखें कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति उस परिवेश में हो सकता है या नहीं.