11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Kali Puja 2022, Kali Puja Muhurat: कब है काली पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

Kali Puja 2022: काली पूजा हिंदूओं का त्योहार है जो देवी काली को समर्पित है. दिवाली उत्सव के दौरान अमावस्या के दिन काली पूजा मनाई जाती है. जबकि भारत में अधिकांश लोग दिवाली के दौरान अमावस्या तिथि पर देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं.

Kali Puja 2022: काली पूजा हिंदूओं का त्योहार है जो देवी काली को समर्पित है. दिवाली उत्सव के दौरान अमावस्या के दिन काली पूजा मनाई जाती है. जबकि भारत में अधिकांश लोग दिवाली के दौरान अमावस्या तिथि पर देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में लोग दिवाली के सबसे महत्वपूर्ण दिन अमावस्या के दिन देवी काली की पूजा करते हैं.

लक्ष्मी पूजा को कोजागरा पूजा के रूप में जाना जाता

अक्सर दिवाली पूजा और काली पूजा एक ही दिन पड़ता है, लेकिन कुछ वर्षों में काली पूजा दिवाली पूजा से एक दिन पहले भी पड़ता है. काली पूजा दिवाली के मध्यरात्रि के दौरान अमावस्या को पड़ता है, उस दिन ही लक्ष्मी पूजा मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में, देवी लक्ष्मी की पूजा करने का सबसे महत्वपूर्ण दिन चंद्र मास अश्विन में पूर्णिमा के दिन पड़ता है. अश्विन के महीने में पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्मी पूजा को कोजागरा पूजा के रूप में जाना जाता है और आमतौर पर बंगाल लक्ष्मी पूजा के रूप में जाना जाता है.

काली पूजा शुभ मुहूर्त (Kali Puja Muhurat)

काली पूजा सोमवार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा

काली पूजा शुभ मुहूर्त – 11:40 अपराह्न से 12:31 पूर्वाह्न, 25 अक्टूबर

पूजा की अवधि – 00 घंटे 51 मिनट

अमावस्या तिथि शुरू – 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05:27 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त – 04:18 अपराह्न 25 अक्टूबर 2022

Also Read: Diwali 2022 Puja: दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
दिवाली पर मां काली की पूजा विधि (Worship Method of Maa Kali)

1. मां काली की पूजा अक्सर रात में की जाती है. इसके लिए व्यक्ति को स्नान कर साफ वस्त्र पहनना चाहिए.

2. काली पूजा करने के लिए एक चौकी लें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं. इस पर मां काली की फोटो या मूर्ति स्थापित करें.

3. काली मां पूजा से पहले गणेश जी को विराजित करें और सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. फिर मां काली को पंचामृत से स्नाना कराएं.

4.फिर मां को लाल चुनरी अर्पित करें और साथ ही लाल फूल की माला पहनाएं.

5. मां को तिलक, हल्दी, रोली और कुमकुम भी लगाएं. साथ ही श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें.

6. पूजा के दौरान काली मां के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, मां काली को सिंदूर भी अर्पित करें और मां की कथा सुनें या पढ़ें.

7. काली गायत्री मंत्र या मां के बीज मंत्रों का जाप करें. फिर मां की आरती करें. मां को भोग लगाएं के बाद प्रसाद को सभी में वितरित करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें