अलीगढ़ में ऊपरकोट कोतवाली में 8 दिसंबर को गोली लगने से जख्मी हुई महिला इशरत निगार (55) की 6 दिन बाद बुधवार देर की रात में मौत हो गई. घटना के बाद महिला को जेएन मेडिकल कालेज के आईसीयू में भर्ती करवाया गया था. लेकिन इस दौरान उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था. जैसे ही डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित किया, उसके परिवार और रिश्तेदार मेडिकल कालेज पहुंच गए. इस मामले में दरोगा को लापरवाही भरे अंदाज में पिस्टल सौंपने वाले मुंशी सुदीप कुमार को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. दरोगा की गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपए इनाम घोषित करने के बाद उसके पोस्टर सभी जिलों में डीसीआरबी के जरिये भिजवाए जा रहे हैं. गौरतलब है कि इशरत निगार कोतवाली के तुर्कमान गेट चौकी क्षेत्र के हड्डी गोदाम इलाके के बुजुर्ग हार्डवेयर/ताला व्यापारी शकील खां की पत्नी थी और वह पासपोर्ट सत्यापन के सिलसिले में बेटे ईशान संग कोतवाली गई थीं. दोपहर करीब ढाई बजे के आसपास वे मुंशियाने में पहुंचकर वहां मौजूद मुंशी (कार्यालय पुलिसकर्मी) से बात कर रही थीं. तभी मुंशी ने वहां दरोगा मनोज शर्मा को मालखाने से उनकी सर्विस पिस्टल निकालकर दी.
दरोगा ने वहीं खड़े-खड़े पिस्टल को चेक करते हुए फायर कर दिया. उसे पिस्टल का चैंबर खाली होने का अंदेशा था, लेकिन गोली थी, जो सीधे दरवाजे की ओर खड़ी महिला इशरत निगार की कनपटी के पास गर्दन पर जा लगी. गोली लगते ही वह नीचे गिर गई. तभी से उनका मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा था. मंगलवार को डॉक्टरों ने दो घंटे प्रयास कर उनके सिर का ऑपरेशन कर सफाई की थी. इशरत निगार पहले ही दिन से होश में नहीं आई और कोमा जैसी स्थिति में थी. बुधवार दोपहर से ही इशरत निगार की हालत बिगड़ने लगी और देर रात करीब दस बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. जेएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो आरिफ एम खान ने महिला की मौत की पुष्टि की है.
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बता दें कि विभागीय जांच में दरोगा को पिस्टल देने वाले मुंशी सुदीप कुमार को भी घटना के लिए बड़ा जिम्मेदार माना गया है. उसे घटना वाले दिन ही निलंबित कर दिया था. सीओ प्रथम अभय पांडेय ने बताया कि इस पूरे मामले में इटावा फतीहपुर निवासी मुंशी सुदीप के खिलाफ विभागीय जांच की गई. इसमें उजागर हुआ है कि पासपोर्ट का कार्य सुदीप के पास नहीं था. फिर भी उसने कॉल करके महिला को थाने बुलाया. इसी दौरान आरक्षी ने लापरवाही से पिस्टल निकाल कर मैगजीन बिना अलग किए दरोगा को सौंप दी. इसके बाद घटना होने पर दरोगा व मुंशी दोनों भाग गए, जबकि उन्हें महिला के जख्मी होने पर उसे अस्पताल पहुंचाने में सहयोग करना था. इस जांच में घटना से पूर्व व घटना बाद के आचरण से आपराधिक लापरवाही के साक्ष्य मिले हैं, जिसके आधार पर जेल भेजा गया है. अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने के साथ ही फरार दरोगा पर बीस हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है. सीओ प्रथम अभय पांडेय ने पोस्टर जारी किए जाने व मुंशी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की पुष्टि की है. वहीं एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि दरोगा की गोली से जख्मी महिला की मौत हो गई है. देर रात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया है. अब पोस्टमार्टम आदि की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव परिवार को सौंपा जाएगा.