17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धनबाद में महिलाएं तेजी से हो रही एनीमिया की शिकार, ऐसे करें बचाव

एनीमिया का सबसे बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमी का होना है. जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं खत्म होने लगती है और शरीर को जरूरत के अनुसार संतुलित व पौष्टिक आहार नहीं मिलता है, तब खून की कमी होने लगती है. धनबाद में महिलाएं तेजी से एनीमिया की शिकार हो रही है.

Dhanbad News: बदलते परिवेश में किशोरियां व महिलाएं तेजी से एनीमिया की शिकार हो रही है. यह रक्त से संबंधित बीमारी है, जिसे शरीर में खून की कमी होना भी कहा जाता है. एनीमिया शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के वजह से होती है. ज्यादातर इस बीमारी की शिकार किशोरियां व महिलाएं होती हैं. एनीमिया का सबसे बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमी का होना है. जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं खत्म होने लगती है और शरीर को जरूरत के अनुसार संतुलित व पौष्टिक आहार नहीं मिलता है, तब खून की कमी होने लगती है. ज्यादातर ये समस्या किशोरावस्था और महिलाओं में मासिक के दौरान होती है. अधिक रक्तस्राव से खून की कमी होती है.

शरीर में एनीमिया की कमी से दूसरी अन्य बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है. शरीर में खून की कमी की वजह से आयरन की कमी हो जाती है. इस कारण शरीर में हीमोग्लोबिन बनना कम हो जाता है. एनीमिया का अर्थ है, शरीर में खून की कमी. हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है, जो शरीर में खून की मात्रा बताता है. पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तथा महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना चाहिए. इससे कम होने पर एनीमिया की शिकायत सामने आती है.

क्या होता है एनीमिया

यदि आप जरूरत से ज्यादा थकान महसूस कर रहे हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें. यह एनीमिया के लक्षण हो सकते हैं. कुछ लोगों में रक्तदान के वक्त पता चलता है कि उनका हीमोग्लोबिन कम है. कम हीमोग्लोबिन के कारण रक्तदाता रक्तदान नहीं कर सकते हैं. हमारा शरीर तीन प्रकार की रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है- पहला संक्रमण से लड़ने के लिए श्वेत रक्त कोशिकाएं, दूसरा रक्त के थक्के रोकने की मदद के लिए प्लेटलेट्स और तीसरा पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए लाल रक्त कोशिकाएं.

Also Read: झारखंड में बढ़ी ठंड, गलत दिनचर्या का असर पड़ सकता है स्वास्थ्य पर, ऐसे रखें ख्याल

एनीमिया से बचाव

शरीर को हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है. शरीर में हीमोग्लोबिन का प्रतिशत सही रखने के लिए आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मीट, बीन्स, दाल, गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे आदि आहार में शामिल करना चाहिए. फलों और फलों के रस, गहरे हरे पत्तेदार सब्जियों, हरी मटर, राजमा, मूंगफली में फोलिक एसिड पाया जाता है. विटामिन बी-12 से भरपूर खाद्य पदार्थों में मांस, डेयरी प्रोडक्ट और सोया से बनी चीजें शामिल हैं. विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों में खट्टे फल और जूस, मिर्च, ब्रोकली, टमाटर, खरबूजे और स्ट्रॉबेरी शामिल हैं.

आयरन की कमी है एनीमिया का बड़ा कारण

स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ साधना कुमार ने कहा : एनीमिया कई तरह के होते हैं. फॉलिक एसिड की कमी वाला और विटामिन B 12की कमी वाला एनीमिया (मेगालोब्लास्टिक एनीमिया) . भारतीय महिलाओं व किशोरियों में आयरन की कमी वाला एनीमिया दुनिया भर में सबसे ज्यादा है. बहुत सी महिलाओं में गर्भवती होने से पहले ही आयरन की कमी होती है. भारत में 10 में से 6 गर्भवती महिलाओं में एनीमिया पाया जाता है. गर्भवती महिलाओं में सामान्य से अधिक आयरन की जरूरत होती है, ताकि बढ़ते शिशु के लिए जरूरी रक्त का उत्पादन किया जा सके.

बैलेंस डायट लेकर एनीमिया से बचें

स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ श्रेया करण ने कहा कि किशोरियों में शारीरिक विकास बहुत तेजी से होता है. मासिक के समय जरूरत से ज़्यादा रक्तस्राव होने के कारण या माह में एक से अधिक बार मासिक होने के कारण भी आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया की शिकायत होती है, पेट में कीड़ा होने से भी एनीमिया होता है. एनीमिया से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाना, सही खान पान का प्रयोग करें.

रिपोर्ट : सत्या राज, धनबाद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें