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ड्रोन के जरिए खेती में मदद पाएंगी महिलाएं, सरकार ने योजना को दी मंजूरी, पढ़ें पूरी खबर

विज्ञप्ति के मुताबिक, सरकार ने कहा कि विभिन्न राज्यों में ऐसे स्थानों की पहचान की जाएगी जहां ड्रोन का उपयोग आर्थिक रूप से संभव है और ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए प्रगतिशील 15,000 महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा.

Women To Get Help In Farming Through Drones: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को दो वर्षों के लिए ड्रोन उपलब्ध कराने की एक केंद्रीय योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के लिए 1,261 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों को बताया कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया. ठाकुर ने कहा, इस योजना का मकसद वर्ष 2024-25 से 2025-2026 के दौरान किसानों को कृषि उद्देश्य के लिए 15,000 चयनित महिला एसएचजी को ड्रोन मुहैया कराना है. उन्होंने कहा, दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत गठित कुल 89 लाख एसएचजी में से लाभार्थी महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा.

8,00,000 रुपये तक की केंद्रीय वित्त सहायता

विज्ञप्ति के मुताबिक, सरकार ने कहा कि विभिन्न राज्यों में ऐसे स्थानों की पहचान की जाएगी जहां ड्रोन का उपयोग आर्थिक रूप से संभव है और ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए प्रगतिशील 15,000 महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा. ड्रोन की खरीद के लिए महिला एसएचजी को ड्रोन की लागत का 80 प्रतिशत और सहायक उपकरण/सहायक शुल्क के लिए 8,00,000 रुपये तक की केंद्रीय वित्त सहायता प्रदान की जाएगी. एसएचजी के क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) राष्ट्रीय कृषि इन्फ्रा फाइनेंसिंग सुविधा (एआईएफ) के तहत ऋण के रूप में शेष राशि (खरीद की कुल लागत घटाकर सब्सिडी) बढ़ा सकते हैं. ठाकुर ने कहा, उर्वरक कंपनियों द्वारा करीब 500 ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे. शेष 14,500 ड्रोन अगले दो वर्षों में केंद्रीय सहायता के जरिए उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने बताया कि एक ड्रोन और उसके सामान की कुल लागत लगभग 10 लाख रुपये है.

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स्वयं-सहायता समूहों को ड्रोन प्रौद्योगिकी से सशक्त बनाने की घोषणा

लागत का करीब 80 प्रतिशत या आठ लाख रुपये तक केंद्र द्वारा प्रदान किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि ड्रोन पायलट को 15,000 रुपये और सह-पायलट को करीब 10,000 रुपये का मानदेय मिलेगा. उन्होंने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल के लिए 10-15 गांवों का एक समूह बनाया जाएगा. करीब 1,000 हेक्टेयर भूमि ड्रोन संचालन के लिए उपलब्ध होगी. इसमें वाणिज्यिक फसलों को महत्व दिया जाएगा. बयान के अनुसार, महिला एसएचजी के एक सदस्य को 15-दिवसीय प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा. इसमें पांच दिवसीय अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और कृषि उद्देश्य के लिए अतिरिक्त 10-दिवसीय प्रशिक्षण शामिल है. प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में स्वयं-सहायता समूहों को ड्रोन प्रौद्योगिकी से सशक्त बनाने की घोषणा की थी.

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