हावड़ाः चक्रवाती तूफान यश के प्रभावितों को दिये जाने वाले मुआवजे के लिए आवेदन करने वाले छह हजार लोगों में से अधिकतर फर्जी हैं. यह दावा ग्रामीण हावड़ा के श्यामपुर ब्लॉक-2 प्रशासन ने किया है.
प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि अभी तक सभी आवेदनों का सत्यापन नहीं हुआ है. प्रशासन ने दावा किया कि श्यामपुर-1, उलुबेड़िया-1, बागनान-2, आमता-2 और संकराइल ब्लॉक में भी बहुत सारे फर्जी आवेदन प्राप्त हुए हैं.
यश चक्रवात के दिन रूपनारायण नदी के ज्वार की लहर से श्यामपुर ब्लॉक-2 की पांच पंचायतों में पानी भर गया. सरकार के निर्देशानुसार ‘डोर रिलीफ’ परियोजना के तहत 2-16 जून तक क्षेत्र में शिविर लगाया गया, ताकि पीड़ित मुआवजे के लिए आवेदन कर सकें. कुल साढ़े छह हजार आवेदन जमा किये गये. अब उनकी जांच की जा रही है.
जांच में पाया गया कि अब तक करीब 50 फीसदी आवेदक फर्जी हैं. आवेदन सत्यापन 30 जून तक चलेगा. इसके बाद पीड़ितों की अंतिम सूची बनायी जायेगी. मामलों की सही से जांच करने को कहा गया है, ताकि किसी भी फर्जी आवेदक को मुआवजा न मिले.
खास बातें
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प्रशासन ने अधिकतर आवेदनों के फर्जी होने का किया दाव
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अम्फान से सबक लेकर प्राप्त आवेदनों की हो रही हैं जांच
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70 टीमें आवेदनकर्ताओं के घर-घर जाकर कर रहीं सत्यता की जांच
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अम्फान तूफान के पीड़ितों में मुआवजा वितरण के दौरान भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप सामने आये थे. इससे सबक लेते हुए इस बार प्रशासन मुआवजे का भुगतान करने से पहले वास्तविक पीड़ितों की पहचान करने में जुटी है.
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पीड़ितों की पहचान की प्रक्रिया में किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता या पंचायत के किसी भी सदस्य को नहीं रखा गया है. आवेदनों की जांच के लिए 70 विशेष टीमों का गठन किया गया है. प्रत्येक टीम में तीन लोग हैं. सब सरकारी कर्मचारी हैं. वे आवेदक के घर जा रहे हैं.
आवेदन में हुई हानि के विवरण के साथ वास्तविक स्थिति का मिलान कर रहे हैं. साथ ही आवेदक को उसके घर के सामने खड़े करके तस्वीर ली जा रही है. निरीक्षण प्रणाली को राज्य सरकार के एक विशेष एप्प के माध्यम से जियो-टैग किया गया है. इससे किसी भी स्तर के अधिकारी ‘एप’ पर पूरा विवरण देख सकेंगे.
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा है कि केवल निरीक्षण के आधार पर मुआवजा पाने वालों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जायेगा. आपदा के तुरंत बाद प्रभावित क्षेत्र का एक बार निरीक्षण किया गया था. इसे कंप्यूटर पर ‘अपलोड’ भी किया गया है. ‘अपलोड’ की हुई जानकारी का मिलान जांच टीम की रिपोर्ट से किया जायेगा. दोनों के मेल के बाद अंतिम सूची तैयार होगी. इसमें फर्जी आवेदकों की भी पहचान हो पायेगी. सरकार के निर्देश का पालन किया जायेगा, ताकि असली पीड़ित छूटे नहीं.
Posted By: Mithilesh Jha