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अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग का इतिहास आजादी की लड़ाई के दौरान खून से लिखा जा चुका है
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अंग्रेजों द्वारा जलियांवाला बाग में जो घाव दिए गए थे वो आज भी इस पार्क में दिखाई देते हैं
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जलियांवाला बाग अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास केवल 1.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
Independence Day 2023, Independence Day 2023 Tour Plan, Jallianwala Bagh History In Hindi: स्वतंत्रता दिवस हर साल की तरह इस साल भी 15 अगस्त को मनाया जाएगा. हम आपको देश भर के वैसे पर्यटन स्थलों के बारे में बता रहे हैं जहां पर आप स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घूमने जा सकते हैं. आज हम आपको बताने वाले हैं पंजाब के अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग कि, जिसका इतिहास भी आजादी की लड़ाई के दौरान खून से लिखा जा चुका है. अमृतसर घुमने आने वाले लोग इस पार्क को देखने जरुर आते हैं और इस जगह की दुखद कहानी हर किसी के रोंगटे खड़े कर देती है. जलियांवाला बाग 6.5 एकड़ भूमि में फैला हुआ है जो भारत के इतिहास के सबसे बुरे दिनों की याद दिलाता है
जलियांवाला बाग का इतिहास
हर साल वह दिन जब भी आता है, उस नरसंहार की यादें ताजा हो जाती हैं. शहादत का यह दिन 13 अप्रैल को होता है. इस दिन जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh History In Hindi) हुआ था. हर भारतीय के लिए जलियांवाला बाग हत्याकांड बेहद दर्दनाक घटना है, जिसमें खून की नदियां बह गईं. आपको बता दें कि 1919 के अप्रैल में जब गेडियर जनरल आर.ई.एच डायर ने एक विद्रोह के संदेह के चलते किसी भी सभा और सम्मेलनों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. बताया जाता है कि यह जानकारी सही तरह से लोगों को पता नहीं चली थी जिसके बाद 13 अप्रैल, 1919 को बैशाखी का त्योहार मनाने के लिए जलियांवाला बाग में लोगों की एक शांतिपूर्ण सभा हो रही थी. इस सभा के बारे में जानकारी मिलते ही जनरल डायर 90 ब्रिटिश सैनिकों के साथ मिलकर वहां पहुंच गया. इसके बाद सैनिकों द्वारा बाग़ को घर लिया गया और बिना कोई चेतावनी दिए वहां मौजूद निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी गई. 10 मिनिट की गोलीबारी में करीब 1650 राउंड गोलियां चली. उस समय जलियांवाला बाग वहां बने मकानों के पीछे पड़ा एक खाली मैदान था और वहां से बाहर निकलने के लिए एक बहुत ही संकरा रास्ता था. गोलीबारी होने के बाद लोग बाहर नहीं भाग पाए और वही बाग़ में मौजूद एक एकमात्र कुएं में कूद गए और कुछ ही मिनटों में कुआं भी लाशों से भरा गया. बता दें कि यह जलियांवाला बाग कभी जलली नाम के आदमी की जगह थी.
द वॉल एंड वेल इन जलियावाला
अंग्रेजों द्वारा जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh) में जो घाव दिए गए थे वो आज भी इस पार्क में दिखाई देते हैं बता दें कि इस एक पार्क के अंत में एक दीवार है, जिसे अभी भी 36 गोलियों के निशान है. पार्क के प्रवेश द्वार के पास एक कुआं स्थित है जिसमें कई लोग गोलियों की आवाज़ सुनते ही डर के मारे कूद गए थे. गोलीबारी रुक जाने के बाद सैकड़ों शवों को इस कुएं से निकाला गया था. यह संरचनाएँ हमारे स्वतंत्रता संग्राम और हमारे पूर्ववर्तियों द्वारा स्वतंत्र भारत के निर्माण में दिए गए अपने बलिदान की याद दिलाई है.
जलियांवाला बाग कैसे पहुंचे
जलियांवाला बाग अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास केवल 1.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप यहां मंदिर से जलियांवाला बाग के लिए पैदल यात्रा भी कर सकते हैं. अमृतसर शहर के कई हिस्सों से उपलब्ध ऑटो रिक्शा, टैक्सी या कैब आसानी से पार्क तक पहुंच सकते हैं.
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हवाई जहाज से जलियांवाला बाग कैसे पहुंचे
अगर आप हवाई जहाज से जालियांवाला बाग अमृतसर की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि अमृतसर शहर के केंद्र से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के कई प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, जम्मू, से आपको अमृतसर के लिए कई उड़ाने मिल जायेंगी.
सड़क मार्ग द्वारा जलियांवाला बाग कैसे पहुंचे
जलियांवाला बाग अमृतसर सड़क मार्ग द्वारा देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है, अमृतसर के लिए दिल्ली, देहरादून, शिमला, जम्मू और उत्तर भारत के बड़े शहरों से कई सरकारी और निजी बसें संचालित हैं.
ट्रेन द्वारा जलियांवाला बाग कैसे पहुंचे
जालियांवाला बाग़ का निकटतम रेलवे स्टेशन अमृतसर में है. अमृतसर के लिए आपको देश के लगभग सभी प्रमुख शहर अहमदाबाद, कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद से आसानी से ट्रेन मिल जाएगी. दिल्ली से अमृतसर तक की ट्रेन से जाने में 6 घंटे का समय लगता है.