Lucknow News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार अपने वजूद की तलाश कर रही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं यूपी चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी के नेतृत्व में देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल खुद को दोबारा खड़ा करने में लगा हुआ है. मगर कांग्रेस एक ओर जहां टिकट के उम्मीदवारों की घोषणा करती है वहीं दूसरी ओर टिकट मिलने के बाद भी कई उम्मीदवार पार्टी छोड़कर किनारे हो जा रहे हैं.
Today, at a time, we are celebrating the formation of our great Republic, I begin a new chapter in my political journey. Jai Hind pic.twitter.com/O4jWyL0YDC
— RPN Singh (@SinghRPN) January 25, 2022
मंगलवार को कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा उन्हें छोड़कर अलग हो गया है. इस चेहरे का नाम है आरपीएन सिंह. आरपीएन सिंह यूपी कांग्रेस के बड़े नेता हैं एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं संभावना जताई जा रही है कि पार्टी आलाकमान से आरपीएन सिंह किसी बात पर नाराज चल रहे हैं. यही कारण है कि वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं. हाल में यह भी देखा गया है कि वे यूपी में कांग्रेस के प्रचार कार्यक्रम में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे. कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद आरपीएन सिंह ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘आज, जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं.’
मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि उनकी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात भी हो चुकी है. बता दें कि आरपीएन सिंह को भारतीय जनता पार्टी पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य खिलाफ मैदान में उतार सकती है. यहां यह जानना जरूरी है कि आरपीएन सिंह यूपी के पडरौना के राजा साहब कहे जाते हैं.
आरपीएन सिंह के पिता कुंवर सीपीएन सिंह भी कुशीनगर से सांसद रह चुके हैं. वे साल 1980 में इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में रक्षा राज्यमंत्री भी थे. ऐसे में यदि आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को छोड़कर के भाजपा का दामन थाम लिया तो यह कांग्रेस से जुड़े एक पुराने सियासी परिवार के पार्टी को छोड़ देने का बड़ा मामला होगा.