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Etah Assembly Chunav: एटा की अलीगंज विधानसभा सीट से 2017 में जीती BJP, इस बार काफी बदले हैं समीकरण

अलीगंज को अवधपाल सिंह की पैतृक सीट कहा जाता है. उनके पिता लटूरी सिंह यादव अलीगंज से चार बार विधायक रह चुके हैं. उनके बेटे अवधपाल सिंह यादव अलीगंज से तीन बार विधायक रहे हैं. इस सीट पर 20 फरवरी को मतदान है.

Etah Aliganj Seat Vidhan Sabha Chunav: एटा जिले के अलीगंज को साल 1747 में याकूत खान ने बसाया था. इस विधानसभा क्षेत्र में कई बार हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं. यह दस्यु प्रभावित क्षेत्र भी है. अलीगंज को अवधपाल सिंह की पैतृक सीट कहा जाता है. उनके पिता लटूरी सिंह यादव अलीगंज से चार बार विधायक रह चुके हैं. उनके बेटे अवधपाल सिंह यादव अलीगंज से तीन बार विधायक रहे हैं. इस सीट पर 20 फरवरी को मतदान है. वहीं, नतीजों का ऐलान 10 मार्च को होगा.

अलीगंज सीट का सियासी इतिहास

  • 2017- सत्यपाल सिंह राठौर- भाजपा

  • 2012- रामेश्वर सिंह- सपा

  • 2007- अवधपाल सिंह यादव- बसपा

  • 2002- रामेश्वर सिंह यादव- सपा

  • 1996- रामेश्वर सिंह यादव- सपा

  • 1993- अवधपाल सिंह यादव- सपा

  • 1991- अवधपाल सिंह- जेपी

  • 1989- लैतुरी सिंह- कांग्रेस

  • 1985- उदयवीर सिंह राठौर- कांग्रेस

  • 1980- लटूरी सिंह- जेएनपी (एसआर)

  • 1977- जतूरी सिंह- जेएनपी

अलीगंज सीट के मौजूदा विधायक

2017 के चुनाव में अलीगंज सीट से बीजेपी के सत्यपाल सिंह राठौर विजयी हुए हैं. वो हाईस्कूल तक पढ़े हैं. वो 64 साल के हैं. सत्यपाल सिंह राठौर बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर बसपा में भी शामिल हुए थे. बाद में फिर बीजेपी में लौट आए थे.

अलीगंज सीट के जातिगत समीकरण

  • अलीगंज विधानसभा सीट यादव बाहुल्य है.

  • यहां क्षत्रिय, शाक्य और लोधी मतदाता भी अधिक तादाद में हैं.

  • बघेल, तेली, राठौर और मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

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अलीगंज विधानसभा के मतदाता

  • कुल मतदाता- 3,40,334

  • पुरुष- 1,85,941

  • महिला- 1,54,377

  • अन्य- 16

अलीगंज सीट की जनता के मुद्दे

  • अलीगंज विधानसभा में अपराध से जनता भयभीत रहती है.

  • देर शाम लोग अलीगंज विधानसभा से गुजरने से डरते हैं.

  • क्षेत्र में अवैध शराब निर्माण होता है.

  • शिक्षा का स्तर गिरा हुआ है.

  • बड़े उद्योग नहीं होने से रोजगार का अभाव है.

  • युवाओं को दिल्ली, नोएडा, हरियाणा का रुख करना पड़ता है.

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