24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP Election 2022: स्वामी प्रसाद के समर्थित विधायक का टिकट कटना था तय, BJP इंटरनल सर्वे की निगेटिव रिपोर्ट

जाहिर है भाजपा को इस पूरे मसले पर जल्द डैमेज कंट्रोल करना होगा. इस बीच भाजपा की ओर से एक ‘आंतरिक सर्वे रिपोर्ट’ भी आ गई है. इसमें बताया गया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबियों का टिकट कटने की तैयारी थी. मसला थमा नहीं और मामला इस्तीफे तक पहुंच गया.

Swami Prasad Maurya Resigns: यूपी में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा से किनारा कर लिया है. इस्तीफा देने के साथ ही प्रदेश में पिछड़ों की राजनीति का मसला गर्मा गया है. जाहिर है भाजपा को इस पूरे मसले पर जल्द डैमेज कंट्रोल करना होगा. इस बीच भाजपा की ओर से एक ‘आंतरिक सर्वे रिपोर्ट’ भी आ गई है. इसमें बताया गया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबियों का टिकट कटने की तैयारी थी. मसला थमा नहीं और मामला इस्तीफे तक पहुंच गया.

70 सीटिंग विधायकों के कट रहे टिकट

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हर बार हर चुनाव में टिकट वितरण को लेकर नेताओं के बीच अहम की लड़ाई आ जाती है. सभी नेता किसी न किसी के नाम को आगे बढ़ाते हैं. इस बार के चुनाव में भी कुछ ऐसा ही रहा होगा. जाहिर है, भाजपा आलाकमानों ने अपने हिसाब से टिकट बंटवारे को लेकर फैसला कर रहे हैं. दिल्ली में चल रही भाजपा की हाईलेवल मीटिंग ऐसे में जब 70 सीटिंग विधायकों के टिकट कटने की हवा चल रही है तो बवाल होना ही था.

विधायकों के टिकट पर संशय

जानकारों ने भी यही अंदेशा जताया है कि इसी कारण से स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी को अलविदा कहा है. बैठक में करीब 170 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर मुहर लगाने की तैयारी चल रही है. हालांकि, स्वामी प्रसाद मौर्य के वे समर्थित विधायक कौन हैं, इसका अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है. वहीं, मंगलवार को पार्टी को अलविदा कहने के बाद मौर्य ने कहा था कि वे दो से तीन दिनों में अपने साथ आने वाले विधायकों के नामों की लिस्ट जारी करेंगे. अंदेशा है कि इन्हीं विधायकों के टिकट को लेकर मामला गर्म हुआ है.

मौर्य ने मुखर होकर कही ये बात

हालांकि, स्वार्मी प्रसाद मौर्य ने पार्टी छोड़ने का कारण पूछने पर यही बताया था कि भाजपा में दलितों और शोषितों के लिए सोचने वाला कोई नहीं है. समाज का पिछड़ा वर्ग देश की सबसे बड़ी पार्टी में भी पिछड़ी ही साबित हो रही है. उनका यह भी कहना है कि उन्होंने अपनी दिक्कत को सही स्थान तक पहुंचाया भी था. मगर कोई समाधान नहीं मिला. वहीं, कथित इंटरनल सर्वे रिपोर्ट में इस पूरे मामले पर इस्तीफा का जो कारण बताया जा रहा है वह भी गौर करने लायक है.

प्रदेश में पिछड़ों की राजनीति क्यों है खास?

बता दें कि प्रदेश में छह फीसदी वोट मौर्य समाज का है. स्वामी प्रसाद मौर्य इस समुदाय के बड़े नेता कहे जाते हैं. कुशीनगर के पडरौना से विधायक चुने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को काछी, मौर्य, कुशवाहा, सैनी और शाक्य वर्ग के नेता कहे जाते हैं. इन वर्गों का प्रदेश में करीब 100 सीट पर असर है. भाजपा आलाकमान इस इस्तीफे के बाद होने वाले डैमेज को कंट्रोल करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. पार्टी के आलाकमान ने भाजपा प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को नाराज विधायकों को मनाने का भार सौंपा है. इस पूरे मसले पर पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की नजर है.

Also Read: Swami Prasad Maurya Resigns: यूपी में भाजपा विधायकों की नाराजगी पर अमित शाह की नजर, ला रहे नया ‘फॉर्मूला’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें