UP Assembly ELection 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर बीजेपी (BJP) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. सूबे की सत्ता में पहुंचने के लिए बीजेपी जातिगत समीकरणों को भी साधने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में वह पिछले चुनावों में अपने पाले में रहे ओबीसी वोटरों को साधने में लगी हुई है. बीजेपी की कोशिश है कि ओबीसी वोटर (OBC Voter) 2022 में भी उसे सरकार बनाने में मदद करें. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 403 विधानसभा सीटों में से 325 सीटों पर, समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगियों को 54 सीटों, बसपा को 19 सीटों पर और अन्य को 5 सीटों पर जीत मिली थी.
अयोध्या में 18 सितंबर को बीजेपी के ओबीसी मोर्चा (BJP OBC Morcha) की राज्य कार्यकारिणी की एक अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) भी शामिल होंगे. यह बैठक बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण (K Laxman) की अध्यक्षता में होगी, जिसमें राज्य के शीर्ष नेतृत्व के अलावा यूपी के सभी ओबीसी सांसद और विधायक शामिल होंगे. इस बैठक को बेहद अहम इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि बीजेपी इस बार मंडल और कमंडल दोनों समुदाय के वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है.
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बता दें, यूपी में ओबीसी मतदाताओं की संख्या 50 फीसदी से अधिक है. यह सूबे के सबसे प्रभावशाली समुदायों में एक है. इसलिए सभी पार्टियों की कोशिश इन्हें अपने पाले में लाने की है. पिछले चुनावों में बीजेपी को ओबीसी समुदाय का समर्थन मिला था, इस बार भी बीजेपी यह सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि यह समुदाय 2022 में भी उसका समर्थन करता रहे.
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इसके अलावा, बीजेपी का ऐसा मानना है कि चुनाव में ओबीसी समुदाय के लिए पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया मंत्रिंडल विस्तार में इस मुद्दे को हल करने की कोशिश हुई है. इसमें यूपी के ओबीसी समुदायों के कई नेताओं को शामिल किया गया है, जिनमें अनुप्रिया पटेल, कौशल किशोर और पंकज चौधरी शामिल हैं.
बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण का कहना है कि मोदी सरकार ने, ओबीसी को उचित प्रतिनिधित्व मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने मेडिकल एजुकेशन में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी है. इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी इस समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है.मोदी सरकार की तरह ओबीसी की किसी अन्य प्रधानमंत्री या पार्टी ने राजनीतिक प्रतिनिधित्व की देखभाल नहीं की है.
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राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ओबीसी मोर्चा 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपने कार्यकर्ताओं को लामबंद करके पार्टी की आसान जीत सुनिश्चित करने में भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि अक्टूबर में मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी.
Posted by : Achyut Kumar