यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी इस बार अपने कई विधायकों और मंत्रियों का टिकट आगामी चुनाव में काट सकती है. बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान मंत्रियों के परफॉर्मेंस का फीडबैक रिपोर्ट बनाने में जुट गई है. कोरोना वायरस और किसान आंदोलन की वजह से सरकार के खिलाफ बनी एंटी इनकंबेंसी को बीजेपी खत्म करने की कोशिश में जुट गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा लगातार समीक्षा बैठकों मे योगी सरकार के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा कर रही है. बताया जा रहा है कि संगठन और अन्य स्रोतों से अब तक जो फीडबैक आई है, उसमें लगभग आधे दर्जन मंत्रियों का कामकाज बेहतर नहीं पाया गया है. माना जा रहा है कि इन मंत्रियों पर विधानसभा चुनाव के दौरान गाज गिर सकती है.
इधर, उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण दुरुस्त करने के मद्देनजर सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलनों की शुरुआत आज से करेगी. भाजपा राज्य मुख्यालय ने इस संबंध में शनिवार को बयान जारी किया था.
कोरोना और किसान आंदोलन ने बढ़ाई सरकार की चिंता– बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस और किसान आंदोलन ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. लखीमपुर हिंसा के बाद बीजेपी को डर है कि पश्चिमी और पूर्वी यूपी के किसान कहीं खिलाफत न कर दे. बीजेपी इसी रणनीति के तहत चुनावी रणनीति बना रही है. यूपी में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव का ऐलान किया जा सकता है. राज्य में 403 सीटों पर वर्ष 2022 के जनवरी-फरवरी में चुनाव कराया जा सकता है.