Uttar Pradesh News : इलाहाबाद हाइकोर्ट ने दो अलग-अलग धर्मों के युवक और युवती के प्रेम विवाह के मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कथित धर्मांतरण से जुड़े एक मामले में सुवाई करते हुए बड़ा बयान दिया है. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकार है, चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला हो. कानून दो बालिग व्यक्तियों को एक साथ रहने की इजाजत देता है.
कुशीनगर के सलामत अंसारी और तीन अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है. डिवीजन बेंच ने कहा की कानून जब दो व्यक्तियों, चाहे वे समान लिंग के ही क्यों न हों, को शांतिपूर्वक साथ रहने की अनुमति देता है तो किसी को भी व्यक्ति, परिवार या राज्य को उनके रिश्ते पर आपत्ति करने का अधिकार नहीं है.
बता दें कि डिवीजन बेंच ने प्रियांशी उर्फ़ समरीन और नूरजहां बेगम उर्फ़ अंजली मिश्रा के केस में इसी हाईकोर्ट की एकल पीठ के निर्णयों से असहमति जताते हुए ये फैसला सुनाया. गौरतलब है कि सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार ने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की और बाद में प्रियंका ने इस्लाम को स्वीकार कर लिया. प्रियंका के पिता ने इस रिश्ते का विरोध करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका दाखिल की थी.