कोरोना महामारी (Corona pandemic) की वजह से यूपी में करीब 17 माह से जेल (Jail) में बंद कैदी अपनों से मिलने का इंतजार कर रहे है. ऐसे में आज से उनसभी कैदियों के लिए राहतभरी खबर है. मुलाकात को लेकर शासन ने एक गाइडलाइन जारी की है.
मुलाकाती को 72 घंटे की आरटीपीसीआर (RT-PCR) रिपोर्ट लेकर आना होगा. गौरतलब है कि मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते मुलाकात बंद कर दी गई थी. सरकार के इस फैसले से प्रदेश की जेलों में निरुद्ध एक लाख से ज्यादा कैदियों के परिजनों ने राहत की सांस ली है.
प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक, बंदियों से मुलाकात करने की अनुमति उन्हें ही दी जाएगी, जिसके पास कोरोना की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट होगी. यह रिपोर्ट (72 घण्टे) से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए. जेल में मुलाकात के दौरान परिजनों को कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा. सभी की थर्मल स्कैनिंग की जाएंगी. वहीं सभी परिजनों को मास्क लगाकर आना होगा. मुलाकात के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन का पूरा पालन करना होगा.
प्रत्येक मुलाकाती को बंदियों से मिलने से पहले जेल-प्रशासन को 72 घंटे के अंदर की आरटीपीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी.
मुलाकात के दौरान कोरोना गाइड लाइन का पालन करना होगा। मुलाकाती को थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजेशन और मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना होगा. मुलाकात के बाद बंदियों को भी बैरक में जाने से पहले खुद के हाथ आदि को सेनेटाइज करना होगा.
जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक के मुताबिक एक हफ्ते में सिर्फ एक बार बंदी की मुलाकात होगी. इस दौरान दो ही मुलाकातियों को बंदी मिलने के लिए इजाजत दिया जाएगा. जरूरी है कि मुलाकातियों के पास तीन दिन के भीतर की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए.
डीजी आनंद कुमार के आदेश के बाद यूपी की जेलों में कोविड प्रॉटोकॉल के तहत साफ-सफाई और सेनिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है. वहीं जेलकर्मियों की निगरानी में टीम भी गठित कर दी गई है. सीसीटीवी कैमरों की मदद से मुलाकातियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी.
Posted By Ashish Lata