Lakhimpur Kheri case: लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा जमानत दिये जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की. याचिका पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया, साथ ही हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने मामले में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए को लेकर भी निर्देश दिया है.
दरअसल, केंद्रीय मंत्री के बेटे आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने 10 मार्च को एक गवाह पर हमले की बात संज्ञान में आने पर प्रदेश सरकार को आदेशित किया कि सभी गवाहों को सुरक्षा दें. फिलहाल, मामले की अगली सुनवाई होली की छुट्टी के बाद होगी.
Supreme Court issues notice to Uttar Pradesh Government, asks them to file reply on plea seeking cancellation of bail of Lakhimpur Kheri violence accused Ashish Mishra, who is the son of MoS MHA Ajay Mishra Teni. Supreme Court directs to protect the witnesses in the case. pic.twitter.com/f3G5mP92oq
— ANI (@ANI) March 16, 2022
पीड़ितों के परिवार के कुछ सदस्यों की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि, आशीष मिश्रा के जमानत पर रिहा होने के बाद मामले के एक मुख्य गवाह पर हमला किया गया था.
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बताया कि, जमानत मिलने के बाद, मुख्य गवाहों में से एक पर बेरहमी से हमला किया गया था. जिन लोगों ने उन पर हमला किया, उन्होंने कहा, ‘अब जब भाजपा चुनाव जीत गई है, तो वे उसे देख लेंगे. भूषण के मुताबिक, यह हमला 10 मार्च को किया गया था.
चीफ जस्टिस एनवी रमण ने कहा कि इस याचिका पर वही बेंच सुनवाई करेगी, जिसने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई की थी. इस मामले पर चीफ जस्टिस रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई की थी. याचिका पर सुनवाई के लिए बुधवार यानी आज तीन सदस्यीय बेंच का गठन किया जाएगा.
Also Read: Lakhimpur Kheri हिंसा मामले में आशीष मिश्र की बढ़ी मुश्किल, सुप्रीम कोर्ट में बेल के खिलाफ याचिका दायरपिछले साल 3 अक्टूबर को, लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के एक समूह पर केंद्रीय मंत्री के स्वामित्व वाले वाहनों का एक काफिला किसानों को रौंदते हुए आगे निकल गया. इस हादसे में चार किसान और एक पत्रकार की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इसके बाद हुई हिंसा में भाजपा के दो नेता और एक वाहन चालक की मौत हो गई. मामले में मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 10 फरवरी को जमानत दे दी थी.