Varanasi News: 14 जनवरी मकर संक्रांति के अवसर पर वाराणासी के घाटों पर सुबह से ही स्नान करने वालो की भीड़ लगी रही. काशी के प्रमुख गंगा घाटों पर स्नान के साथ बाबा के दरबार में दर्शन पूजन करने वालों की भीड़ भी लगी रही. ऐसे में पूरा दशाश्वमेध और गोदौलिया क्षेत्र श्रद्धालुओं से पटा रहा. हालांकि, स्नान के बीच कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ी.
मंदिर से लेकर घाटों तक लंबी कतार लगी रही. पुरा क्षेत्र हर हर महादेव और जय गंगा मैया के जयकारे से गुंजायमान रहा. घाटों पर जगह-जगह लोग गंगा में पुजन पाठ करते हुए गरीबों और ब्राह्मणों को दान पुण्य करते दिखाई दिए. इस पूरी भीड़ में कोरोना की तीसरी लहर का ख़तरा नदारद दिखा, लोगो के अंदर कोरोना गाइडलाइन को लेकर कोई गंभीरता नजर नहीं आई.
काशी में दशाश्वमेध घाट के साथ ही शीतला घाट, पंचगंगा घाट, अस्सीघाट, ब्रह्माघाट, खिड़किया घाट और राजघाट तक श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान के लिए नजर आयी. लोगों ने गंगा स्नान करने के साथ ही दान पुण्य भी किया. वहीं सुबह बाबा दरबार में भी दर्शन पूजन का दौर चलता रहा. इस दौरान गंगा घाट से लेकर सड़कों तक पुलिस भी मुस्तैद दिखी. हालांकि, कुछ लोगों द्वारा मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को भी मनाया जाएगा. इसको देखते हुए घाट से लेकर मंदिर तक व्यवस्था की गई है.
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परंपरागत रूप से कुछ लोगों ने मकर संक्रांति पर्व को 14 जनवरी को ही मनाया. इससे भोर से गंगा तटों पर श्रद्धालु पहुंच गए स्नान कर सूर्य को प्रणाम किया. श्रद्धालुओं की आस्था कोरोना पर भी भारी पड़ गई, क्योंकि किसे ने भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया.
मकर संक्रांति तब मनाई जाती है जब सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं. ज्योतिष के अनुसार, इस साल सूर्य का धनु से मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 8.49 बजे हो रहा है, धर्म शास्त्रीय निर्णय अनुसार सूर्यास्त के बाद सूर्य की मकर राशि में संक्रांति होने पर पुण्यकाल अगले दिन मान्य होता है. यह प्रात: से दोपहर 12.49 बजे तक रहेगी.
रिपोर्ट- विपिन सिंह