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Manish Murder Case: घटना की रात गोरखपुर के होटल के कमरे में क्या हुआ? यहां पढ़ें अब तक की सिलसिलेवार रिपोर्ट

Manish gupta Murder Case: मृतक के दोस्त ने बताया कि जब कमरे में ऊपर चप्‍पल पहनने के लिए गया, तो उसने देखा कि कमरे और कमरे के बाहर ढेर सारा खून फैला हुआ है. उसे पुलिस की देखरेख में होटल का स्‍टाफ साफ कर रहा था. उन्‍होंने विरोध किया तो पुलिसवाले फिर उसे थप्‍पड़ मारने लगे.

गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के होटल कृष्‍णा पैलेस के कमरा नंबर 512 में ठहरे कानपुर के व्‍यापारी की मौत की गुत्‍थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है. घटना के बाद वहां बिखरे खून को साफ कर किस तरह से सुबूत को मिटाकर साफ किया. वहीं व्‍यापारी को किस तरह से घसीटकर लिफ्ट से नीचे लाया गया ये सारा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद है. वहीं पुलिस ने सीसीटीवी के डीवीआर को घटना के बाद कब्‍जे में ले लिया.

इस घटना के साथ ही डीएम और एसएसपी का मुकदमा दर्ज नहीं कराने के पीड़िता पर दबाव बनाने के वीडियो भी चर्चा में है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इस मामले में पुलिस के आलाधिकारी भी दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने में ही लगे हैं. सपा और बसपा ने फरार पुलिसवालों की गिरफ्तारी नहीं होने पर सवाल उठाया है.

पूरा मामला जानिए- गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड के पास होटल कृष्‍णा पैलेस में 27 सितंबर यानी सोमवार की सुबह कानपुर के रहने वाले व्‍यापारी मनीष गुप्‍ता अपने हरियाणा के रहने वाले दोस्‍त हरबीर और दिल्‍ली के रहने वाले प्रदीप के साथ कमरा नंबर 512 में रुके पहुंचे. वे यहां पर अपने दोस्‍त चंदन सैनी और राणा प्रताप चंद से मिलने के लिए आए थे. मंगलवार यानी 28 सितंबर की सुबह उनका गोरखनाथ मंदिर और शहर घूमने का प्‍लान था. 27 की रात 12 बजे के बाद रामगढ़ताल थाने के थाना प्रभारी जेएन सिंह और सब्‍जी मंडी चौकी प्रभारी अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक विजय यादव, एसआई राहुल दुबे, हेड कांस्‍टेबल कमलेश यादव और कांस्‍टेबल प्रशांत कुमार होटल के कमरे में आए.

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Manish murder case: घटना की रात गोरखपुर के होटल के कमरे में क्या हुआ? यहां पढ़ें अब तक की सिलसिलेवार रिपोर्ट 2

वहीं घटना को लेकर मीडिया से बात करते हुए मृतक मनीष के दोस्‍त हरियाणा के गुड़गांव से आए हरबीर ने बताया कि सभी पुलिस वाले एसएसपी के आदेश पर संदिग्‍धों की जांच की बात कहकर थाना प्रभारी जेएन सिंह ने पहचान पत्र और उसके बाद बैग की तलाशी लेने के लिए कहा. इसी बीच जब मनीष गुप्‍ता ने आधी रात को जांच का विरोध किया, तो उसके साथ आए दोस्‍तों हरबीर और प्रदीप के साथ मनीष की भी पुलिसवाले पिटाई करने लगे. रामगढ़ताल थाने के प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण के साथ पुलिसवाले हरबीर को थप्‍पड़ मारते हुए नीचे रिसेस्‍शन पर लाए. इसी बीच मनीष को बेसुध हाल में नीचे लाया गया. उसके सिर, नाक और मुंह से खून बह रहा था.

हरबीर ने आगे बताया कि पुलिसवाले उसे ये कहकर कहीं लेकर चले गए कि उसे अस्‍पताल ले जा रहे है. मृतक के दोस्त ने बताया कि जब कमरे में ऊपर चप्‍पल पहनने के लिए गया, तो उसने देखा कि कमरे और कमरे के बाहर ढेर सारा खून फैला हुआ है. उसे पुलिस की देखरेख में होटल का स्‍टाफ साफ कर रहा था. उन्‍होंने विरोध किया तो पुलिसवाले फिर उसे थप्‍पड़ मारने लगे

वहीं मनीष के एक अन्य दोस्‍त राणा प्रताप चंद ने बताया कि वो होटल में तीनों दोस्‍तों से मिलने के बाद गांव की ओर निकल गए थे. इस बीच उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा ने मोबाइल पर फोन कर पूछा कि कोई परिचित होटल में रुका है, तो उसने बताया कि उसके दोस्‍त रुके हैं. कुछ गलत होने का संदेह होने पर वो चंदन सैनी के साथ वापस होटल आए, तब तक सारा घटनाक्रम हो चुका था.

इसके बाद भी पुलिसवालों ने उनके दोस्‍तों को संदिग्‍ध बताते हुए जांच की बात कही. इसके बाद उनकी पत्‍नी मीनाक्षी गुप्‍ता को काल कर घटना की जानकारी मिली और वो गोरखपुर पहुंचीं. मंगलवार की देर शाम शव को पोस्‍टमार्टम किया गया, लेकिन आलाधिकारी एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार नहीं हुए और घटना को एक्‍सीडेंट बताते रहे.

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बता दें कि घटना सामने आने के बाद मृतक मनीष की पत्‍नी मीनाक्षी ने तहरीर में छह नाम रामगढ़ताल थाने के थाना प्रभारी जेएन सिंह और सब्‍जी मंडी चौकी प्रभारी अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक विजय यादव, एसआई राहुल दुबे, हेड कांस्‍टेबल कमलेश यादव और कांस्‍टेबल प्रशांत कुमार के दिए थे. लेकिन, देर रात सीएम योगी आदित्‍यनाथ के दबाव के बाद एफआईआर में थाना प्रभारी जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा और उप निरीक्षक विजय यादव को ही नामजद किया गया. बाकी तीनों को अज्ञात‍ दिखा दिया गया. वहीं होटल की ड्यूटी पर तैनात गार्ड दीपेन्‍द्र कुमार राय ने 28 सितंबर यानी मंगलवार की सुबह बताते हैं कि पुलिसवाले उन्‍हें लेकर जा रहे थे. उनके मुंह और नाक से खून बह रहा था.

इसी बीच मंगलवार 28 सितंबर को सुबह एसएसपी डा. विपिन ताडा का पहला बयान जारी किया गया. जिसमें उन्‍होंने दबिश के दौरान हड़बड़ाहट में गिरने और चोट लगने से मनीष की मौत की बात कही. इतना ही नहीं, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने भी अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस यही बातें दोहराई. हालांकि परिजनों से मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी.

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इनपुट : अभिषेक पांडेय

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