अयोध्या: यूपी के अयोध्या में रामजन्मभूमि पर बनने वाले राममंदिर के लिए देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आर्थिक सहयोग देने वालों की होड़ लगी है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय में विदेशों से अनेकों फोन रोजाना आते हैं. यह फोन विदेशों में बसे रामभक्तों के होते हैं जो राममंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहायता देने की चाह रखते हैं. इसी के मद्देनजर अब ट्रस्ट ने गृह मंत्रालय से विदेशों से चंदा लेने के लिए आवेदन किया है.
अयोध्या में राममंदिर निर्माण का भूमिपूजन होने के बाद मंदिर निर्माण के लिए दान देने वालों की संख्या में तेजी आई है. लोग नकद, ऑनलाइन ट्रांसफर, आभूषण, चांदी की ईटें के जरिए सहयोग कर रहे हैं व खुलकर दान कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, करीब 70 करोड़ रूपए का चंदा अभी तक मंदिर निर्माण के लिए जमा हो चुका है. वहीं विदेशों में रहने वाले रामभक्त भी चंदा देने की होड़ लगाए हुए हैं. जिसके बाद ट्रस्ट ने अब गृह मंत्रालय से फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत अनुमति लेने के लिए आवेदन किया है. अनुमति मिलते ही लाखों की तादाद में विदेशों में रह रहे भारतीय भी राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दे सकेंगे.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एसबीआई खाते में अभी रोजाना 30 से 40 हजार के करीब रूपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं.वहीं चेक और मनीऑर्डर भी बड़ी संख्या में जमा किए जा रहे हैं. लेकिन विदेशों से अभी दान लेने की अनुमति ट्रस्ट के पास नहीं है. गृह मंत्रालय से अनुमति मिलते ही विदेशों से भी सहयोग राशि ली जा सकेगी. जिसके लिए ट्रस्ट बैंक में एनआरआई अकाउंट भी खुलवाने की तैयारी में है.
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भारतीय क़ानून के तहत भारत में जब कोई व्यक्ति या संस्था, एनजीओ किसी दूसरे देश से चंदा लेती है तो उसे फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) यानी विदेशी सहयोग विनियमन अधिनियम के नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है. एफसीआरए 1976 के बदले 2010 में नया फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट-2010 लाया गया. जो 1 मई 2011 से लागू है. राममंदिर के लिए भी विदेशों से दान इसके अंतर्गत ही लेना होगा.
Published by : Thakur Shaktilchan Sandilya