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वाराणसी में आतंक‍ियों ने हर बार मंगलवार को ही भक्‍तों पर साधा न‍िशाना, पढ़ें साज‍िश की अमंगलकारी वारदातें

अब इसे संयोग कहें या आतंकी साज‍िश लेक‍िन मंगलवार को ही वाराणसी में अब तक के सभी बम ब्लास्ट हुए हैं. आतंकी धमाकों ने काशी की आब-ओ-हवा को उस दिन अमंगलकारी बना दिया था. आइए जानते हैं काशी में हुए अब तक के बम ब्लास्ट की मंगलवार के दिन रची गई अमंगलकारी कहानी...

Varanasi Serial Blast News: वाराणसी में साल 2006 में हुए बम ब्लास्ट के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा मिलते ही काशी में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी. धार्मिक नगरी काशी शुरू से ही आतंकियों के निशाने पर रही है. इस पवित्र नगरी ने एक बार नहीं बल्कि चार बार बम धमाकों का दंश झेला है.

मंगलवार के दिन रची गई अमंगलकारी कहानी…

आतंकियों ने 2005 दशाश्मेध घाट, 2006 संकट मोचन, कैंट रेलवे स्टेशन 2007 और कचहरी बम धमका 7 दिसंबर 2010 शीतला घाट पर बम धमाके कर कई निर्दोषों की जानें ली हैं. हर बार इस धमाके की धमक मंगलवार के दिन ही सुनाई दी है. मंगलवार को संकटमोचक बजरंगबली का दिन कहा जाता है. इसी दिन संकटमोचन में भी आतंकियों ने बम ब्लास्ट कर कई लोगों की जानें ले ली थीं. अब इसे संयोग कहें या आतंकी साज‍िश लेक‍िन मंगलवार को ही काशी में अब तक के सभी बम ब्लास्ट हुए हैं. आतंकी धमाकों ने काशी की आब-ओ-हवा को उस दिन अमंगलकारी बना दिया था. आइए जानते हैं काशी में हुए अब तक के बम ब्लास्ट की मंगलवार के दिन रची गई अमंगलकारी कहानी…

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23 फरवरी 2005 को दशाश्वमेध घाट

वह दिन मंगलवार का था. आतंकियों ने काशी के दशाश्मेध घाट पर जोरदार बम ब्लास्ट किया था. इस धमाके में सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. इसके अलावा करीब 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. खास बात ये रही थी कि जांच एजेंसियां काफी दिनों तक इसे सिलेंडर ब्‍लास्‍ट मानती रहीं. ऐसे में मामले का खुलासा होने के बाद पुष्टि हुई कि यह ब्‍लास्‍ट पावरफुल बम से हुआ था, जिसे आतंकियों ने अंजाम दिया था.

7 मार्च 2006 को संकटमोचन और कैंट रेलवे स्टेशन

दिन मंगलवार का ही था. आम दिनों से ज्यादा मंगलवार का दिन होने की वजह से संकटमोचन मंद‍िर में काफी भीड़ थी. इस दिन शाम के समय लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे थे. इसी दौरान संकट मोचन मंदिर के ही पास एक वैवाहिक कार्यक्रम भी चल रहा था. हर ओर वेद मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा था. इसी बीच एक तेज धमाके की आवाज आई और दर्जनों लाशों के ढेर लग गए. इस धमाके की आवाज अभी थमी नहीं थी कि कैंट स्‍टेशन के पर्यटक रूम के बगल में भी धमाका हो गया. इन दोनों धमाकों में 27 लोगों की मौत और करीब 160 से ज्‍यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

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23 नवंबर 2007 को कचहरी परिसर बम ब्लास्ट

एक बार फ‍िर आतंक‍ियों ने मंगलवार का ही द‍िन चुना था. कचहरी परिसर में लखनऊ और अयोध्या सहित सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. इस घटना में तीन अधिवक्ताओं भोला सिंह, बह्म प्रकाश शर्मा और बुद्धिराज वर्मा समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी. 50 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे.

7 दिसंबर 2010 को शीतला घाट बम ब्लास्ट

यह द‍िन भी मंगलवार का ही था. काशी के शीतला घाट पर करीब शाम 6:25 बजे गंगा-आरती के समय शिव तांडव श्रोत का पाठ शुरू ही हुआ था कि अचानक हुए एक धमाके से चारों ओर चीख-पुकार मच गई. धमाके में दो साल की एक बच्‍ची स्‍वास्‍तिका की मौत हो गई थी. फिर कुछ ही दिनों के उपचार के बाद आंध्र प्रदेश की महिला फूलरानी ने भी दम तोड़ दिया था. इस धमाके में 25 लोग घायल हुए थे.

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संकटमोचन मंदिर के महंत ने कोर्ट के फैसले को सराहा

संकटमोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विशंभरनाथ मिश्र ने संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए सीरियल ब्लास्ट के आरोपी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाए जाने का कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा धार्मिक स्थानों पर जनता भगवान के भरोसे जाती है, बम ब्लास्ट जैसे कृत्य आत्मा को कष्ट पहुंचाते है. विधिक कार्यवाही में भले ही कोर्ट ने समय लगाया मगर निर्णय से उस घटना में मारे गए लोगों की आत्मा को शांति पहुंची है.

स्‍पेशल रिपोर्ट : विपिन स‍िंह

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