UP News: पीलीभीत (Pilibhit) से लोकसभा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में किसानों की समस्याओं का जिक्र किया है.
Lok Sabha MP Varun Gandhi wrote a letter to UP Chief Minister Yogi Adityanath enumerating issues faced by farmers in his constituency Pilibhit pic.twitter.com/9vOPPzu9nD
— ANI (@ANI) September 12, 2021
अपने पत्र में वरुण गांधी ने सीएम योगी के पिछले चार साल के कार्यकाल में किसान हित में उठाए गए कदमों की सराहना की और उन्हें साधुवाद दिया. इसके बाद उन्होंने लिखा, पिछले दिनों मेरे लोकसभा क्षेत्र पीलीभीत से किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मुझसे आकर मिला. प्रदेश के अन्य जिलों के किसान भी अपनी समस्याओं को लेकर मुझसे मिलते रहते हैं. किसानों ने अपनी समस्याओं को मेरे माध्यम से आपके संज्ञान में लाने और उनके निराकरण का अनुरोध किया है.
Also Read: Kisan Mahapanchayat : मुजफ्फरनगर में किसानों की भीड़ देखकर भाजपा सांसद वरुण गांधी हैरान, कही ये बात
वरुण गांधी ने पत्र में लिखा, मेरे क्षेत्र व उत्तर प्रदेश में गन्ना एक प्रमुख फसल है. गन्ना किसानों के मुताबिक गन्ने की लागत बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जबकि पिछले चार सत्रों में गन्ने के रेट में मात्र दस रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. आपने गन्ने का भुगतान पिछली सरकारों के सापेक्ष ज्यादा करवाया है, जो सराहनीय है, परंतु आज भी गन्ने का इस सत्र का कुछ भुगतान बकाया है. मेरा आपसे विनम निवेदन है कि गन्ना किसानों की आर्थिक समस्याओं, गन्ने की बढ़ती लागत और महंगाई दर को देखते हुए सरकार गन्ना किसानों की मांग के अनुसार आगामी गन्ना सत्र 2021-22 में गन्ने का रेट (एसएपी) बढ़ाकर कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करें और तत्काल सारा बकाया गन्ना भुगतान करवाना सुनिश्चित करें.
Also Read: UP Election 2022: योगी सरकार से परेशान जनता बना चुकी है बदलाव का मन, प्रियंका गांधी ने BJP पर बोला हमला
उन्होंने आगे लिखा, प्रदेश में बटाईदार किसान अपना गन्ना मिलों को आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं, जिस कारण उन्हें मजबूरी में काफी घाटे में कोल्हू पर अपना गन्ना बेचना पड़ता है. आपसे निवेदन है कि बटाईदार किसानों को भी मिलों में गन्ना आपूर्ति करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. इसके अलावा गन्ना किसानों का निवेदन है कि उन्हें उचित मात्रा में सस्ता बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि भी सरल प्रक्रिया के माध्यम से उपलब्ध करवाने का कष्ट करें. गन्ने की फसल में लगे विभिन्न रोगों को रोकने हेतु भी गन्ना विभाग को निर्देशित कर त्वरित कार्यवाही करने का कष्ट करें.
वरुण गांधी ने आगे लिखा, उत्तर प्रदेश व मेरे क्षेत्र की दूसरी महत्वपूर्ण फसल धान के किसानों की मांग है कि उनकी धान की सारी फसल को एमएसपी पर खरीदने की सरकार व्यवस्था करे. आपने अपने कार्यकाल में फसलों की सरकारी खरीद में सराहनीय बढ़ोतरी की है परंतु अभी भी बहुत से किसान सरकारी खरीद की व्यवस्था से लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं. इस विषय में मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि सरकार आगामी धान व उसके बाद गेंहू खरीद सीज़न के दौरान पर्याप्त संख्या में खरीद केन्द्रों की व्यवस्था करवाकर सभी किसानों की सारी धान व गेहूं खरीद सुनिश्चित करें.
गेंहू और धान सरकारी खरीद पर सरकार 200 रुपये प्रति क्विंटल का अलग से बोनस देने पर विचार करे. किसानों ने यह निवेदन भी किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूप और आवासीय दोनों तरह की बिजली के रेट बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं, जिस कारण उन्हें बिल भुगतान में बहुत ज्यादा कठिनाई हो रही है. मेरा आपसे विनम्र आग्रह है कि किसानों की आर्थिक कठिनाइयों को देखते हुए बिजली के रेटों में तत्काल कमी कर किसानों को राहत दी जाए.
Also Read: UP Election 2022: गन्ना किसानों को लुभाने के लिए Congress और BJP में मची होड़, किस तरफ जाएगा इनका वोट बैंक?
पीलीभीत के सांसद ने आगे लिखा, ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है जो दिनरात फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. मेरा आपसे विनम आग्रह है कि आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार तत्काल गौशालाओं के निर्माण व अन्य प्रभावकारी कदम उठाए.
उन्होंने कहा, पीएम किसान योजना के लिए किसानों ने आपका और केंद्र सरकार का विशेष आभार प्रकट करते हुए निवेदन किया है कि इस योजना की राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये प्रति वर्ष प्रति किसान परिवार करने का कष्ट करें. इस विषय में मेरा आग्रह है कि राज्य सरकार की ओर से 6000 रुपये अतिरिक्त देने पर विचार कर सकती है.
Also Read: UP Politics: योगी सरकार की चुनावी सौगात, किसानों के लिए लाएगी 722 करोड़ की नयी योजना, मिलेंगे ये लाभ
वरुण गांधी ने कहा, किसानों ने यह निवेदन भी किया है कि मनरेगा योजना के मजदूरों को कृषि कार्यों में भी लगाएं. इससे इस योजना में खर्च हो रहे धन का सदुपयोग होगा और किसानों की लागत घटेगी. इसके अलावा, उन्होंने बढ़ती कृषि लागत को देखते हुए निवेदन किया है कि कृषि कार्यो हेतु प्रयोग होने वाले डीजल पर कम से कम 20 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी किसानों को दी जाए.
Posted by : Achyut Kumar