15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Vikas Dubey Encounter Case: विकास दुबे एनकाउंटर में UP पुलिस को क्‍लीन चिट, जांच आयोग ने कही ये बात

कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे और उसके 4 साथियों की पुलिस से हुई मुठभेड़ को न्यायिक और मजिस्ट्रेटी जांच में सही पाया गया है. तीन मुठभेड़ में मारे गए चार बदमाशों के मामले में डीएम के आदेश पर हुई जांच में पुलिस को क्लीनचिट मिल गई है

कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड (Bikru Shootout) की जांच के लिए बने न्यायिक आयोग ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Gangster Viaks Dubey) को मुठभेड़ में मार गिराने वाली पुलिस टीम को क्लीनचिट दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. बीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित जांच आयोग ने यह भी माना है कि विकास दुबे और उसके गैंग को स्थानीय पुलिस के अलावा जिले के राजस्व एवं प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण हासिल था. विकास को अपने घर पर पुलिस छापे की जानकारी स्थानीय चौबेपुर थाने से पहले ही मिल गई थी.

विधानसभा में पेश हुई जांच रिपोर्ट

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्‍ना ने सदन के पटल पर न्‍यायिक जांच रिपोर्ट रखने की घोषणा की. कुछ समय पहले ही बिकरू कांड की जांच रिपोर्ट जांच आयोग ने सरकार को सौंपी थी. इस मामले की जांच पूर्व न्‍यायाधीश बीएस चौहान की अध्यक्षता में बनाई गई तीन सदस्यों की समिति ने की है. आयोग में हाई कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति शशि कांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता सदस्य थे.

बता दें कि 2 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला कर दिया था. विकास और उसके गुर्गो की ओर से की गई फायरिंग में सीओ सहित 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इसके बाद 3 जुलाई की सुबह पुलिस गांव और आसपास के क्षेत्रों में कांबिंग कर रही थी, तभी काशीपुर नवादा गांव में पुलिस की दो बदमाशों से मुठभेड़ हो गई थी.

Also Read: Vikas Dubey Encounter Case : 37 पुलिसकर्मी को सजा मिलनी तय, पढ़ें लिस्ट में किस-किसका नाम है शामिल

जिसमें विकास के साथी प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे मारा गया था. इस मुठभेड़ की जांच एडीएम (भूअधिपत्य) को सौंपी गई थी. यह बात साफ हो गई थी कि काशीराम नवादा गांव के बाहर बने मंदिर के पास मौजूद पुलिसकर्मियों पर प्रेम प्रकाश और अतुल ने फायरिंग की थी. इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की और दोनों मारे गए.

पुलिस मुठभेड़ में इनकी हुई थी मौत

मुठभेड़ में आइजी मोहित अग्रवाल और तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार बाल-बाल बच गए थे. वहीं, उज्जैन से वापस लाते समय पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस की पिस्टल लेकर भागा था, जिसके बाद पीछा करने पर उसने पुलिस पर फायरिंग की थी. पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत हो गई थी.

न्यायिक जांच में इस मुठभेड़ को भी सही माना गया है. इसके साथ ही पनकी थाना क्षेत्र में ही प्रभात दुबे के साथ हुई पुलिस मुठभेड़ पर भी न्यायिक जांच ने मुहर लगा दी है. प्रभात को फरीदाबाद से कानपुर लाया जा रहा था, रास्ते में पुलिस की जीप पंचर हो गई. इस दौरान प्रभात दरोगा की पिस्टल लेकर भागा और पुलिस पर फायरिंग की. बाद में पुलिस ने फायरिंग की और प्रभात मारा गया.

उज्जैन से विकास दुबे हुआ था गिरफ्तार

ज्ञात हो कि 2 जुलाई 2020 की रात कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे एक हफ्ते बाद मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हुआ था लेकिन 24 घंटे के भीतर ही कानपुर के पास उसकी पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी. विकास दुबे को यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस की टीम उज्जैन से कार के जरिए ला रही थी. इसी दौरान कानपुर में एंट्री के दौरान तेज बारिश हो रही थी जिसके चलते काफिले की एक गाड़ी पलट गई.

गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने पुलिसवालों का हथियार छीना और भागने की कोशिश की. जब पुलिस की ओर से उसे घेरा गया, तो उसने पुलिस पर फायरिंग की कोशिश की. पुलिस ने कहा कि इसके बाद मौजूद जवानों ने आत्मरक्षा के दौरान गोली चलाई और विकास दुबे मारा गया

Also Read: ‘हिंदुस्तान को तालिबान से डरने की जरूरत नहीं, उससे ज्यादा क्रूरता तो हमारे यहां है’,मुनव्वर राणा के बिगड़े बोल

Posted By Ashish Lata

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें