Bareilly News: बढ़ती महंगाई से आम आदमी परेशान है. आटा, चावल आदि खाद पदार्थों से लेकर डीजल-पेट्रोल के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है. इससे गरीब आदमी को दो वक्त का खाना मुश्किल है. इस बीच अब रोडवेज बस का सफर भी महंगा हो गया है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) ने एक बार फिर किराए में इजाफा (वृद्धि) करने का फैसला लिया है. इस बार रोडवेज के सफर में 25 पैसे प्रति किमी का इजाफा किया गया है, जो सोमवार आधी रात से लागू हो गया है. इससे बरेली से दिल्ली (आनंद विहार) का रोडवेज बस किराया 67, और लखनऊ का किराया 64 रुपये महंगा हो गया है.
बरेली से दिल्ली का साधारण बस का किराया 374 था, जो बढ़कर 441 रुपये, लखनऊ का किराया 295 था, जो बढ़कर 359 बरेली से मुरादाबाद का किराया 138 था, जो 163 रुपये, पीलीभीत का 64 से 77 रुपये, बदायूं का 62 से 76 रुपये, शाहजहांपुर का 103 से 126 रुपये, आगरा का 260 से 318 रुपये, हल्द्वानी का 144 रुपये से 160, रामपुर 93 रुपये से 110 रुपये, आउट मथुरा का 255 से 310 रुपये किराया गया है. रोडवेज बस का किराया बढ़ने से यात्री खफा हैं. उनका कहना है कि रोडवेज ने बसों में सुविधाएं नहीं बढ़ाई हैं. लेकिन, किराया लगातार बढ़ाया जा रहा है. यह गलत है, लेकिन यात्रियों की कोई सुनने को तैयार नहीं है.
पिछले 10 वर्ष में रोडवेज बस किराए में 52 पैसे प्रति किलोमीटर का इजाफा हुआ है. लेकिन, कोई सुविधा नहीं बढ़ी. रोडवेज ने 2012 में 4 पैसे की वृद्धि की थी. इस पर भी यात्रियों ने नाराजगी जताई थी. इसके बाद 2013 में फिर 4 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाया गया था. 2017 में 9 पैसे और 2020 में 10 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाया गया था. लेकिन इस बार एक साथ 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाने की तैयारी है.
रोडवेज बसें काफी पुरानी हो गई हैं. उनके शीशे भी टूट गए हैं. यात्रियों को टूटे शीशों के कारण काफी दिक्कत होती है. बस की सीट भी काफी खराब हैं. अधिकांश बस समय पर मंजिल पर नहीं पहुंचा पाती. इससे अक्सर यात्री नाराजगी भी जताते हैं. मगर, कोई सुनवाई नहीं होती. किराया बढ़ने के प्रस्ताव पर यात्री राम अवतार का कहना है कि किराए में लगातार इजाफा हो रहा है. सुविधाएं काफी बदतर हैं.
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रोडवेज बसों में यात्रियों को चोट लगने एवं कोई हादसा होने पर यात्रियों को इलाज भी नहीं मिल पाता है, जबकि नियमानुसार हर बस के अंदर फर्स्ट एंड बॉक्स की सुविधा होनी चाहिए.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली