कानपुर देहात में जमीन से कब्जा हटाने के दौरान प्रशासन और पुलिस टीम की मौजूदगी में मां बेटी की जिंदा जलने से मौत को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर बना हुआ है, वहीं प्रदेश सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भी इसे शर्मनाक करार देते हुए कहा कि उनका महिला कल्याण में होना बेकार है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर घटनास्थ पर पहुंची राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि सीएम मामले पर बेहद संवेदनशील हैं. उन्होंने घटना को गंभीरता से लिया है और मैं उनकी तरफ से ही आई हूं. मुख्यमंत्री ने मुझे कानपुर देहात की इस घटना से अवगत कराने को कहा है.
राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि प्रशासन और पुलिस अफसरों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि घटना बेहद दुखद है. मैं क्षेत्र से विधायक हूं और हमारे यहां ऐसी घटना हो रही है. महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. उन्होंने कहा कि हम बेटी को ही नहीं बचा पा रहे हैं, मां को नहीं बचा पा रहे हैं. तो मेरा महिला कल्याण में होना बेकार है.
उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस के इतने लोग मौके पर खड़े थे. कोई भी होगा तो वह पहले लोगों को बाहर निकालने की कोशिश करेगा, बाद में घर ढहाएगा. जमीन तो यूं ही पड़ी है, यूं ही पड़ी रहेगी. कोई इसे उठाकर नहीं ले जा रहा है. राज्य मंत्री ने कहा कि मां बेटी की अकारण मौत हुई है, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
उधर आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी और राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला व पुत्री नेहा की जलकर मौके पर ही मौत हो गई और कृष्ण गोपाल अधजली अवस्था में हैं. योगी जी देखिए इस दर्दनाक और मन को व्यथित करने वाली तस्वीर को, आपके बेरहम एवं अमानवीय प्रशासन द्वारा ये हत्या की गई.
वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से सरकार पर तंज कसते हुए कहा गया कि योगीजी आपकी सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं, विधायकों को बिना जांच, बिना सबूत, बिना तथ्य के मनमाने तरीके से जेल भेज दिया गया और अनैतिक बुलडोजर की कार्रवाई हो रही है. आप ये बताइए इस कानपुर देहात की अनैतिक बुलडोजर कार्रवाई और प्रशासन द्वारा जघन्य हत्या के दोषी कब जेल भेजे जाएंगे?
इससे पहले कानपुर देहात जनपद में सोमवार को अवैध कब्जा हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जल गए. घटना उस वक्त हुई, जब मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में पुलिस और प्रशासन की टीम ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची.
टीम ने जेसीबी से झोपड़ी के बाहर बने मंदिर और चबूतरे को ढहा दिया, नल भी उखाड़ दिया गया. इसके बाद टीम छप्पर गिराया जाने लगा. इससे नाराज कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला चीखती हुई झोपड़ी में घुसी और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. कुछ देर में दरवाजा खोला तो झोपड़ी में आग लग चुकी थी. प्रमिला ने लोगों पर आग लगाने का आरोप लगाया. चीख पुकार के बीच जेसीबी से छप्पर हटाने की कोशिश में वह महिला और उसकी बेटी पर ही गिर गया, जिससे 45 वर्षीय प्रमिला दीक्षित और उसकी 22 वर्षीय बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई. अपनी पत्नी और बेटी को बचाने की कोशिश में कृष्ण गोपाल भी झुलस गया.