Uttarakhand Earthquake : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में गुरुवार सुबह भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किये. प्राप्त जानकारी के अनुसार भूकंप सुबह 5 बजकर 1 मिनट पर आया जिसकी जमीन में गहराई 10 किलोमीटर बतायी जा रही है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया है कि इससे पहले जनवरी में भी उत्तर-उत्तरपश्चिम पिथौरागढ़ में 4.2 की तीव्रता के भूकंप महसूस किये गये थे.
दरअसल भूकंप का शब्दिक अर्थ भूमि के कंपन से होता है. इसका मतलब है भूमि के अंदर होने वाला कंपन. पृथ्वी की सतह पर यदि हलचल महसूस होती है तो इसका मतलब होता है कि पृथ्वी की आंतरिक दर्जा बाहर निकल रही है. इससे भूकंपीय तरंगों का निर्माण होता है. भूकंपीय तरंगों की वजह से पृथ्वी की अवस्था में परिवर्तन होने लगता है. इस परिवर्तन को ही भूकंप कहा जाता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भूकंप की तरंगों को मापने के लिए एक यंत्र का उपयोग किया जाता है. इस यंत्र को सिस्मोग्राफ कहा जाता है. इसके अलावा बता दें कि भूकंप की तीव्रता को रिएक्टर पैमाने में मापा जाता है.
1. सामान्य भूकंप (Tectonic Earthquake): इस भूकंप की बात करें तो यह भ्रंश तल के किनारे चट्टानों के सरक जाने के कारण उत्पन्न होते हैं.
2. ज्वालामुखी जन्य भूकंप (Volcanic Earthquake): यह भूकंप ज्वालामुखी के उत्पन्न होने की वजह से महसूस किये जाते हैं. ऐसे भूकंप ज्यादातर का सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों तक सीमित रहते हैं.
3. नियात भूकंप (Collapse Earthquake) : इस भूकंप की बात करें तो ये खनन क्षेत्रों यह महसूस किये जाते हैं. कभी-कभी अत्याधिक खनन कार्य से भूमिगत खानों की छत ढह जाती है जिससे हल्के झटके महसूस लोग करते हैं.
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4. विस्फोटक भूकंप (Explosion Earthquake) : यह भूकंप परमाणु या रासायनिक विस्फोटों के कारण महसूस किये जाते हैं.
5. बांध जनित भूकंप (Reservoir Earthquake) : ऐसे भूकंप बड़े बांधों को टूटने की वजह से महसूस किये जाते हैं.
1. भूकंप आने पर यदि आप किसी बिल्डिंग के अंदर से लिफ्ट में हो तो उसे तुरंत उतर जाए. ऐसी स्थिति में बिल्डिंग से उतरने के लिए सीढ़ियां का इस्तेमाल करना उचित होता है.
2. घर की इलेक्ट्रिसिटी करंट को ऑफ कर देना चाहिए. हर इलेक्ट्रॉनिक सामान का पलक बिजली के सॉकेट से बाहर निकाल देना चाहिए.
3. यदि घर या बिल्डिंग के अंदर फंस जाएं तो घर में रखे में मेज, चौकी, डेस्क के अंदर छिपने की कोशिश करें.
4. यदि आप उस समय कार चला रहे हैं तो कार को धीमा कर लें. कार को एक खाली स्थान पर ले जाकर पार्क कर दें. तब तक कार से नहीं उतरें जबतक झटके खत्म नहीं हो जाते हैं.
5. पेड़ों और बिजली के तारों से दूर रहने का प्रयास करें.
6. यदि आप बाहर सड़क पर या बाजार में हो तो पास में मैदान या खुली जगह पहुंचने का प्रयास करें.