देहरादून/नई दिल्ली : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने के करीब नौ दिन बाद भी उत्तराखंड में सरकार गठन की तारीख और नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं किया जा सका है. मीडिया में आ रही खबरों पर भरोसा करें, तो उत्तराखंड के विधायकों का यह इंतजार भी जल्द ही खत्म होने वाला है. कल यानी रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में आपसी सहमति के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अपनी मुहर लगाएंगे.
दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भाजपा आलाकमान पशोपेश में फंसा हुआ है. इसका अहम कारण यह है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से घोषित सीएम कंडीडेट पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में, पार्टी आलाकमान के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री के नाम का चयन करना है. सूत्रों की मानें तो आलाकमान के सामने सबसे बड़ी अड़चन यह है कि पार्टी के अंदर ही निर्वाचित होकर आने वाले विधायकों में से कई मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने की दौड़ में शामिल हैं. पार्टी किसी को नाराज किए बिना आपसी सहमति से मुख्यमंत्री का चयन करना चाहता है और इसी बात को लेकर बीते कई दिनों से पार्टी के अंदर मंथन जारी है.
बताते चलें कि भाजपा ने उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के चयन के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का उत्तराखंड के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी को सहपर्यवेक्षक बनाया है. रविवार को विधायक दल की होने वाली बैठक में भाजपा के ये दोनों वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे. पार्टी सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड में मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने की दौड़ में जो नेता शामिल हैं, उनमें पुष्कर सिंह धामी, धन सिंह रावत और अनिल बलूनी दौड़ में सबसे आगे हैं. सूत्र बताते हैं कि इस बार के मंत्रिमंडल में भाजपा नए चेहरों को शामिल करना चाहती है और मंत्रियों के चयन की प्रक्रिया भी जारी है.
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उधर, खबर यह भी है कि उत्तराखंड विधानसभा के लिए चुनाव में खानपुर सीट से बतौर निर्दलीय निर्वाचित हुए उमेश कुमार की जीत को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. अदालत में अवकाश होने के बावजूद शुक्रवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अदालत के समक्ष पर्याप्त तथ्य नहीं रख सके, जिसके बाद उसने तथ्यों को अदालत के रिकॉर्ड पर लाने के लिए समय देने का अनुरोध किया. अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख तय की है. याचिका के मुताबिक, लक्सर निवासी वीरेंद्र कुमार और जनता कैबिनेट पार्टी की अध्यक्ष भावना पांडेय ने खानपुर के विधायक पर निर्वाचन आयोग के समक्ष जमा हलफनामे में कई तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया है.