Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में दो बदमाशों ने घर के अंदर एक मां-बेटी को चाकू की नोक पर बंधक बना लिया. इसके बाद उन्होंने दोनों को सुरक्षित छोड़ने के बदले में 10 लाख रुपए की मांग की. घटना बड़ा लालपुर की वीडीए कॉलोनी फेज-1 की है, जिसमें पुलिस ने जिस तरह अपहरण करने वालों को बातों में उलझाया और बंधकों को सुरक्षित छुड़ाया, उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है.
वाराणसी में एनटीपीसी के रिटायर्ड इंजीनियर के मकान में चाकू लेकर दो बदमाश घुसे. बदमाशों ने ढाई साल की बच्ची के गले पर चाकू सटाकर उसे और उसकी मां को बंधक बना लिया. इसके बाद 10 लाख रुपए फिरौती की मांग की. रुपए नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी.
सूचना पाकर पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन सहित छह थानों की पुलिस, क्राइम ब्रांच और पीएसी मौके पर पहुंची. बदमाशों के चंगुल से मां-बेटी को मुक्त कराने में कमिश्नरेट की पुलिस ने काफी धैर्यपूर्वक काम लिया.
योजना के मुताबिक एसीपी कैंट डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी सादे कपड़े में बंधक बनाई गई मासूम मैत्री के ताऊ बनकर घर के अंदर दाखिल हुए. उन्होंने बदमाशों से बात की और मौका मिलते ही उन्हें दबोच लिया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एसीपी कैंट की अहम भूमिका रही. इस बात की प्रशंसा पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने भी की और पूरी टीम के साथ उनकी पीठ थपथपायी.
बताया जा रहा है कि बदमाशों ने मासूम मैत्री और उसकी मां सोनी को घर के एक कमरे में बंधक बनाकर रखा था. इसी बीच बदमाशों ने दस लाख रुपए की फिरौती मांगी. इसकी जानकारी पुलिस को मिली, जिसके बाद बदमाशों से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ.
इसी बीच एसीपी कैंट डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटना की पूरी जानकारी ली. इसके बाद वह मासूम के पिता अनुपम के बड़े भाई बनकर घर के अंदर गए. उन्होंने खुद को मैत्री का ताऊ बताया और पैसे के संबंध में बात की. एसीपी कैंट ने बदमाशों से समय लेते हुए कहा कि इतनी जल्दी 10 लाख रुपए का इंतजाम नहीं हो पाएगा.
एसीपी कैंट ने कहा कि जितना हो सकता है, उतने की व्यवस्था करते हैं. पहले पांच लाख रुपए, फिर छह लाख रुपए देने पर सहमति बनी. दोनों बदमाशों ने कहा कि उन्हें एक वाहन भी चाहिए. इस गाड़ी में में वह मां-बेटी के साथ जाएंगे और शहर से बाहर जाने पर दोनों को छोड़ देंगे.
इसके साथ ही बदमाशों ने धमकी दी कि अगर पुलिस उनका पीछा करेगी तो मां-बेटी को मार देंगे. एसीपी कैंट बदमाशों को वाहन उपलब्ध कराने के लिए भी तैयार हो गए. बदमाश अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जाने को अमादा थो, वह बच्ची की गर्दन से चाकू सटाए हुए थे और लगातार धमकी दे रहे थे.
बदमाशों से बातचीत के बाद एसीपी कैंट ने जब कमरे से बाहर निकले तो उन्होंने परिवार के सदस्यों को समझाया और कहा कि दोनों बदमाशों को बातचीत में उलझाए रखना है. इसके साथ ही उनकी हर बात पर हां बोलना है. उन्होंने परिवार के सदस्यों को किसी बात भी ऐसा नहीं बोले, जिससे बदमाशों नाराज हो जाएं.
इस बीच कमरे के बाहर अन्य पुलिस कर्मी भी आ गए. कुछ समय गुजरने पर एसीपी कैंट बदमाशों के लिए मिठाई और पानी लेकर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कमरे के बाहर से ही कहा कि रुपए का इंतजाम किया जा रहा है, तब तक मिठाई खाकर पानी पी लें. इस पर जैसे ही एक बदमाश ने पानी लेने के लिए दरवाजा खोला वैसे ही एसीपी कैंट ने उसे दबोच लिया. तब तक दूसरा बदमाश मैत्री की ओर भागा तो उनके पीछे मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों ने उसे दबोच लिया.
बदमाश से छीनाझपटी के दौरान एसीपी कैंट डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी के हाथ में चाकू लग गया. हालांकि इसके बावजूद उन्होंने बदमाश को नहीं छोड़ा. वहीं बदमाशों पर काबू पाने के दौरान सोनी को भी चाकू से खरोंच लगी. हालांकि तब तक दोनों बदमाशों को पुलिस टीम ने दबोच लिया. मामले को लेकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.