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ज्ञानवापी मामलाः कथित शिवलिंग का पूजा करने संबंधी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका खारिज

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के पूजा-पाठ की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा गर्मी की छुट्टी के कारण सिविल कोर्ट भी बंद है. यह मामला फौजदारी का भी नहीं है, ऐसे में आप सिविल कोर्ट खुलने के बाद जुलाई में आएं.

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के पूजा-पाठ की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा गर्मी की छुट्टी के कारण सिविल कोर्ट भी बंद है. यह मामला फौजदारी का भी नहीं है, ऐसे में आप सिविल कोर्ट खुलने के बाद जुलाई में आएं. आपको सुनवाई का उचित अवसर दिया जाएगा. इस मामले पर तुरन्त सुनवाई संभव नहीं है. श्रीविद्यामठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्‍द की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा अर्चना को लेकर अदालत को दिए गए प्रार्थना पत्र दिया था.

बुधवार को अदालत की ओर से जानकारी दी गई कि स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानन्‍द की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को जिला जज ने खारिज कर दिया है. इसके पूर्व मंगलवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया था. अब इसे सुनवाई करने के योग्‍य न पाए जाने की वजह से अदालत की ओर से इसे खारिज कर दिया गया है. जिला जज ने याचिका खारिज करने के पूर्व कहा कि आपके आवेदन से यह प्रतीत होता है कि आपको 16 मई को ही पता लग गया था कि ज्ञानवापी में शिवलिंग मिला है. ऐसे में आप आप 31 मई तक क्या कर रहे थे…?

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इस प्रकरण में ऐसा कुछ भी नहीं है जो अर्जेंट नेचर का है या जिससे किसी का जरूरी हित प्रभावित हो रहा हो. गर्मी की छुट्टी के कारण सिविल कोर्ट भी बंद है. यह मामला फौजदारी का भी नहीं है। ऐसे में आप सिविल कोर्ट खुलने के बाद जुलाई में आएं. ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा के लिए आंदोलनरत रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था की प्राणधारी देवता को तीन वर्ष के बालक के समकक्ष समझा जाता है. ऐसे में ज्ञानवापी क्षेत्र में प्रकट हुए भगवान आदि विश्वेश्वर को भी अन्न जल पहुंचना चाहिए.

ज्ञानवापी में पूजन-अर्चन से रोके जाने पर अन्न जल त्याग कर अनशन पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बुधवार सुबह 108 घंटे बाद गुरु के आदेश पर जल ग्रहण किया. शिवलिंग पूजन की मांग को लेकर वह बीते शनिवार सुबह से अनशन पर थे और उनका स्वास्थ्य भी गिरता जा रहा था. बुधवार को केदारमठ स्थित श्रीविद्यामठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भगवान आदि विश्वेश्वर की पादुकाओं का प्रतीक पूजन कर सुबह सात बजे निर्जल तपस्या संपन्न करने की घोषणा की.

रिपोर्ट – विपिन कुमार सिंह

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