Varanasi News: श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण में अब निर्मोही अखाड़ा (Nirmohi Akhara) भी नित्य दर्शन-पूजन की मांग को लेकर अपना पक्ष रखेगा. श्रृंगार गौरी मन्दिर में पूजन के अधिकार के लिए अखाड़ा आज वाराणसी की कोर्ट में परिवाद दाखिल करेगा. महामंत्री अखाड़ा परिषद महंत अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा ने यह जानाकरी दी है.
दरअसल, भारत में कुल 13 अखाड़े हैं. सभी का एक संगठन है जिसका नाम निर्मोही अखाड़ा है. अखाड़े के राष्ट्रीय मंत्री महेंद्र दास ने बताया कि, श्रृंगार गौरी प्रकरण में वह अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर करेंगे. इस देश की भूमि राम और कृष्ण की है. यहां 33 करोड़ देवी देवताओं का वास. इतने सारे मठ मन्दिर हैं, यहां कि यह भूमि तपोभूमि है.
महेंद्र दास ने बताया कि, हिंदुओं को दर्शन पूजन के अधिकार से उनके ही मंदिरों में वंचित रखा जाए तो यह अन्यायपूर्ण होगा. इसके लिए प्रत्येक सनातनी लड़ेगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए दावा करेंगे. श्रृंगार गौरी मुक्त हो और नित्य प्रति दर्शन पूजन का अधिकार मिले.
उन्होंने बताया कि वह राम जन्मभूमि में भी पक्षकार थे. जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए और अपना पक्ष रखा. महेंद्र दास ने कहा कि, भारत की सनातनी परम्परा को जीवित रखने के लिए हिंदुओ को दर्शन का लाभ मिले यही हमारा सबसे बड़ा कार्य रहेगा.
इधर, विश्व हिंदू सेना के प्रमुख अरुण पाठक और वादी पक्ष राखी सिंह सहित पांच महिलाएं दाखिल मुकदमे में खुद को तृतीय पक्ष बनाने की मांग करेंगे. विश्व हिंदू सेना अदालत में इससे संबंधित याचिका दायर करेगी.
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अरुण पाठक ने श्रृंगार गौरी मन्दिर में नित्य पूजा-पाठ शुरू कराने के लिए 1995 और 2017 में दो- दो बार रक्ताभिषेक किया है. काफी लंबे समय अरुण पाठक श्रृंगार गौरी मन्दिर के न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. विश्व हिंदू सेना के प्रमुख अरुण पाठक ने बताया कि, अदालत से वह खुद को ज्ञानवापी प्रकरण में वादी या फिर राखी सिंह सहित पांच महिलाओं द्वारा दाखिल मुकदमे में तृतीय पक्ष बनाने की मांग करेंगे.
रिपोर्ट- विपिन सिंह