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सावन के दूसरे सोमवार पर काशी विश्वनाथ का लाखों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक, CM योगी आदित्यनाथ ने मांगी मन्नत

सावन के दूसरे सोमवार पर दुर्लभ संयोग के कारण शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है. इस दिन पितृ दोष, कालसर्प दोष और शनि दोष आदि कर्मकांडों को पूरा करके दूर किए जा सकते हैं. काशी विश्वनाथ के दर्शन-जलाभिषेक के लिए अब तक लाखों लोग पहुंच चुके हैं. भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं.

Varanasi: सावन के दूसरे सोमवार पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. लोग भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने के लिए कतार में खडे हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर सहित प्रमुख शिवालयों में भारी भीड़ के कारण विशेष इंतजाम किए गए हैं.

काशी विश्वनाथ के आशीर्वाद के लिए रात से ही कांवरियों और श्रद्धालुओं की कतार गोदौलिया और मैदागिन तक नजर आने लगी थी. सुबह होने के साथ इसमें और इजाफा हो गया. बताया जा रहा है कि सोमवार को सुबह आठ बजे तक करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया. इस दौरान श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा और डिप्टी कलेक्टर शम्भू शरण शर्मा ने श्रद्धालुओं का स्वागत पुष्प-वर्षा के साथ किया.

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श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण सावन में काशी विश्वनाथ के गर्भगृह में प्रवेश और स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं है. भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन कराए जा रहे हैं. वहीं बाहर लगे पात्र से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई है. अपने आराध्य का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं बेहद उत्साह देखा जा रहा है.

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भारी भीड़ को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और जिला प्रशासन की ओर से कतारबद्ध श्रद्धालुओं को 30 मिनट में गर्भगृह तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. चारों द्वारों से भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है, जो जिस द्वार से जा रहा है, उसी से दर्शन कर बाहर आ रहा है. इसके साथ ही बाबा के द्वार जाने वाले रास्तों पर को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है.

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इस साल सावन के दूसरे सोमवार पर चार शुभ संयोग हैं. इस दिन सावन की हरियाली अमावस्या और सोमवती अमावस्या है. इसके अलावा रुद्राभिषेक के लिए शिववास और पुनर्वसु नक्षत्र भी है. इसलिए आज भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है.

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उधर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सावन के दूसरे सोमवार को सुबह जनकल्याण के लिए रुद्राभिषेक और हवन-पूजन किया. एक घंटे तक चले अनुष्ठान में उन्होंने आम के रस, दूध, जल, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल और गन्ने के रस से महादेव भगवान शिव का अभिषेक किया. उन्हें बेलपत्र, सफेद कमल, लाल कमल, कनेर, शमी पत्र, दूब, कुशा, राई, गुड़हल, धतूरा, भांग और श्रीफल भी चढ़ाया.

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रुद्राभिषेक अनुष्ठान की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ हुई. उसके बाद मुख्यमंत्री ने भगवान शिव और द्वादश ज्योतिर्लिंग का पूरे विधि-विधान के साथ षोडशोपचार पूजन किया. गोरखनाथ मंदिर में सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री की दिनचर्या परंपरागत रही. तड़के पांच बजे उन्होंने सबसे पहले बाबा गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और उनकी पूजा-अर्चना की.

इसके साथ ही अयोध्या रामनगरी भी शिवभक्ति में लीन हो गई है. राम नगरी में हर हर बम के जयकारे गूंज रहे हैं. सावन के दूसरे सोमवार को राम नगरी में शिव भक्तों का रेला उमड़ा हुआ है. शिव भक्तों ने प्राचीन शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का पूजन व जलाभिषेक कर रहे है. वहीं सावन के दूसरे सोमवार पर दुर्लभ संयोग होने के कारण हनुमानगढ़ी में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी है. सुबह से ही राम नगरी में बोल बम के जयकारे गुंजायमान होने लगे हैं. शिवालयों में ओम नम: शिवाय, हर-हर महादेव की गूंज रही हैं.

काशी विश्वनाथ धाम आने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
  • श्रद्धालुओं से अपने जूते-चप्पल मंदिर में प्रवेश करने से पहले बाहर ही उतारने की अपील की गई है, जिससे उन्हें दिक्कत नहीं हो.

  • फूल-माला, छोटे पात्र में दूध, जल और मनी पर्स के अतिरिक्त सभी सामग्रियों का प्रवेश धाम में प्रतिबंधित है.

  • स्पर्श दर्शन एवं सुगम दर्शन की सुविधा पूर्णत: प्रतिबंधित हैं, जो भी दैनिक पास जारी किए गए हैं, वे अमान्य हैं.

  • जो दर्शनार्थी मैदागिन चौराहा की ओर से आ रहे हैं, उन्हें गेट नंबर-चार के पास बने चेकिंग पॉइंट से प्रवेश दिया जा रहा है. दर्शन के बाद नंदू फारिया निकास द्वार से श्रद्धालु बाहर निकल रहे हैं.

  • जो दर्शनार्थी गोदौलिया चौराहे की ओर से आ रहे हैं, उन्हें बांसफाटक से कोतवालपुरा होते हुए ढूंढीराज गणेश चेकिंग पॉइंट से प्रवेश दिया जा रहा है. इसके साथ ही दर्शन के बाद नंदू फारिया निकास द्वार से ये बाहर निकल रहे हैं.

  • जो दर्शनार्थी दशाश्वमेध घाट की ओर से आ रहे हैं, उन्हें सरस्वती फाटक से प्रवेश कर वाईएसके-2 चेकिंग पॉइंट से होकर दर्शन के बाद सरस्वती फाटक से ही निकालने की व्यवस्था की गई है.

  • जो दर्शनार्थी नंदू फारिया प्रवेश द्वार की ओर से प्रवेश कर रहे हैं, उनके लिए वाईएसके-1 चेकिंग पॉइंट से होते हुए दर्शन के बाद नंदू फारिया निकास द्वार से निकासी का इंतजाम किया गया है.

  • जो दर्शनार्थी ललिता घाट की ओर से आ रहे हैं, उनके लिए भैरव गेट, लाइब्रेरी रैंप चेकिंग पॉइंट से प्रवेश की व्यवस्था है. दर्शन के बाद चौक पूर्वी निकास द्वार से ललिता घाट की तरफ निकलने का इंतजाम है.

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