विपिन सिंह, वाराणसी: बॉलीवुड फिल्म का एक गाना है ‘ना बीवी, ना बच्चा, ना बाप बड़ा, ना मैया, द व्होल थिंग इज दैट की भैया सबसे बड़ा रूपैया’… ऐसी ही सच्चाई वाराणसी में देखने को मिली. सरकारी कर्मचारी पति के रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन पर पत्नी हक के साथ कब्जा जमा लेती हैं. उसी लकवाग्रस्त 70 साल वृद्ध पति को एक महीने से घर में भूखे-प्यासे पड़ोसियों और किराएदारों के भरोसे छोड़ रिश्तेदार की शादी में चली जाती हैं. सोचिए, उस बीमार पति पर क्या बीत रही होगी?
इतनी शर्मसार करने वाली घटना वाराणसी के लालपुर थाना अंतर्गत बघवानाले क्षेत्र का है. जहां शंभू यादव, जो कि बीएसएनएल में कार्य करते थे, रिटायरमेंट के बाद पत्नी क्षमा और दो बच्चों के साथ अपने मकान में रहते हैं. लड़का 12 साल का और लड़की 14 साल की है. एक महीने से पत्नी कानपुर गई हैं, जो अभी तक नहीं लौटी. जब पेंशन का तारीख नजदीक आती है तो वो घर लौटती हैं, पति को साफ सुथरा कर ऑटो में बैठाकर ले जाती हैं, पेंशन निकालती हैं और पति को कमरे में बंद करके चली जाती हैं.
शंभुनाथ की पत्नी को खबर दिया गया है. शंभुनाथ की स्थिति काफी नाजुक है. पत्नी ने जल्द आने की बात कही है. कड़े शब्दों में पत्नी को कहा है कि जल्द से जल्द यहां आकर सारे मामले पर स्थिति साफ करें.कमलेश कुमार वर्मा, क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज, पांडेयपुर
आसपास के लोग शंभुनाथ को खाना खिलाते हैं. गेट के नीचे से शंभुनाथ को खाना खिलाया जाता है. शंभुनाथ की स्थिति काफी खराब है. इसकी सूचना मिली तो चौकी इंचार्ज पांडेपुर मिथिलेश वर्मा आए. शंभु यादव की पत्नी से फोन पर बात की. कुछ देर बात करने के क्रम में पत्नी ने दो दिन बाद आने को कहा.
Also Read: नवंबर में PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन, CM योगी ने की काशी विश्वनाथ प्रोजेक्ट के कार्यों की समीक्षाआसपास के लोगों की मानें तो शंभु यादव की पत्नी बच्चों को लेकर एक महीने से गायब हैं. घर की दो चाबी है. कोई लड़की कभी-कभी आती हैं, खाना बनाती हैं और चली जाती हैं. एक या दो घंटे रहने के बाद वो खाना देकर शंभु यादव को घर की चाबी सौंपकर लौट जाती हैं. शंभु यादव दिव्यांग हैं. बीएसएनएल से रिटायर होने के बाद उन्हें हर महीने 20 हजार रुपए पेंशन मिलता है. पेंशन की तारीख नजदीक आती है तो पत्नी आती हैं और पेंशन लेकर चली जाती हैं. शंभु यादव की उम्र करीब 70 साल है.