Varanasi News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में हुए लापरवाही को लेकर प्रभारी कुलपति वीके शुक्ला से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एनटीए की लापरवाही के कारण प्रवेश परीक्षा से वंचित छात्रों को दोबारा मौका दिए जाने की मांग की. इसके साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रवेश परीक्षा में हुई लापरवाही की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल से ही विश्वविद्यालय परिसरों में शैक्षणिक वातावरण को सुगम एवं सुदृढ करने हेतु कार्य करता आ रहा है. ‘ठीक करेंगे तीन काम : प्रवेश, परीक्षा और परिणाम’ को अपना ध्येय बना कर विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्र हितों के लिए सदैव संघर्षरत रहा है.
हाल ही में सपंन्न हुई वर्ष 2021 की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षाओं के दौरान विभिन्न प्रकार की लापरवाही एवं समस्याएं सामने आई हैं. प्रवेश परीक्षाओं के दौरान देर से एडमिट कार्ड जारी करने, चुनी हुई भाषा से विपरीत प्रश्न पत्र देने, सर्वर डाउन होने आदि समस्याओं के कारण इस वर्ष की प्रवेश परीक्षाओं पर कई प्रश्न खड़े हो गए हैं.
इस सम्बंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय विभाग के संयोजक अधोयज पांडेय ने कहा कि बीएचयू देश का प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है. इस वर्ष विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा कराने का दायित्व राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को दिया गया था. प्रवेश परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा. जिसका मुख्य कारण NTA की लापरवाही रही.
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B.Sc(Ag) की प्रवेश परीक्षा से 24 घण्टे पूर्व तक प्रवेश पत्र न जारी होने के प्रकरण की उचित स्तर पर जांच हो एवं लापरवाही बरतने वालों की ज़िम्मेदारी तय की जाए, जिससे भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो.
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एनटीए द्वारा एडमिट कार्ड जारी करने में देरी के कारण जो अभ्यर्थी अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में विफ़ल रहे, उन सभी अभ्यर्थियों को पुनः प्रवेश परीक्षा में समिल्लित होने का अवसर प्रदान किया जाए.
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9 अक्टूबर को सम्पन्न हुई बीएड की प्रवेश परीक्षाओं के दौरान हिन्दी भाषी अभ्यर्थियों को अंग्रेजी भाषा का प्रश्नपत्र मिलने एवं कई केंद्रों पर समय से पूर्व ओएमआर लिए जाने के प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच हो एवं जल्द से जल्द विद्यार्थियों के हित में निर्णय लिया जाए.
रिपोर्ट- विपिन सिंह