चीन सहित दुनिया के लगभग 100 देशों के साथ भारत में भी कोरोना वायरस के मामले सामने आने लगे हैं. इस जानलेवा वायरस ने अब तक दुनियाभर में एक लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया है. इसका असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है और अभी तक इस वायरस का इलाज तलाशने में जद्दोजहद करनी पड़ रही है. ऐसे में इस वायरस की टेस्टिंग पर बात करना अहम हो जाता है. दुनिया के अलग-अलग देशों में इस वायरस की टेस्टिंग में अलग-अलग समय लगता है. चीन में जहां इस वायरस की टेस्टिंग में बस 15 मिनट का समय लगता है, वहीं भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने में दिन भर लग जाता है. रिपोर्ट्स की मानें, तो चीन, इटली और जापान कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए अमेरिकी कंपनी बायोमेडोमिक्स द्वारा विकसित टेस्ट इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी रिपोर्ट आने में 15 मिनट लगते हैं. भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए RT-PCR यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पॉलिमरेज चेन रिएक्शन नामक लैबोरेटरी टेस्टिंग टेक्नीक इस्तेमाल हो रही है, जिसके परिणाम 24 घंटे में आते हैं.
Coronavirus की जांच 15 मिनट में कर लेता है चीन, भारत में क्यों लग जाते हैं 24 घंटे?
Coronavirus चीन सहित दुनिया के लगभग 100 देशों के साथ भारत में भी कोरोना वायरस के मामले सामने आने लगे हैं. इस जानलेवा वायरस ने अब तक दुनियाभर में एक लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया है. ऐसे में इस वायरस की टेस्टिंग पर बात करना अहम हो जाता है. दुनिया के अलग-अलग देशों में इस वायरस की टेस्टिंग में अलग-अलग समय लगता है.
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